प्रीति पटेल को क्यों देना पड़ा ब्रिटिश थेरेसा कैबिनेट से इस्तीफ़ा? | Why did priti Patel resign from the British Theresa cabinet?

प्रीति पटेल को क्यों देना पड़ा ब्रिटिश थेरेसा कैबिनेट से इस्तीफ़ा?

प्रीति पटेल को क्यों देना पड़ा ब्रिटिश थेरेसा कैबिनेट से इस्तीफ़ा?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : November 9, 2017/10:40 am IST

ब्रिटेन में भारतीय मूल की वरिष्ठ मंत्री प्रीति पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफे का कारण उनकी  इस्राइल में छुट्टियों के दौरान वहां के प्रधानंमत्री और अधिकारियों से मुलाकात को माना  जा रहा है . पद गंवाने का खतरा उन पर तबसे मंडरा रहा था, जबसे उनकी इस्राइल में छुट्टियों के दौरान उन्होंने वहां के प्रधानंमत्री और अधिकारियों से मुलाकात कर ली थी.लंदन में युगांडा से भागकर आए एक गुजराती परिवार में पैदा हुई प्रीति पटेल ने वैटफ़ोर्ड ग्रामर स्कूल फ़ॉर गर्ल्स में शिक्षा ली है.उन्होंने उच्च शिक्षा कील और एसेक्स यूनिवर्सिटी से हासिल की है. उन्होंने कंज़रवेटिव पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में नौकरी भी की है और वो 1995 से 1997 तक सर जेम्स गोल्डस्मिथ के नेतृत्व वाली रेफ़रेंडम पार्टी की प्रवक्ता रही हैं. रेफ़रेडम पार्टी ब्रिटेन की यूरोपीय संघ विरोधी पार्टी थी.विलियम हेग के कंज़रवेटिव पार्टी का नेता बनने के बाद वो पार्टी में लौट आई थीं और 1997 से 2000 तक डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी थीं.इसके बाद उन्होंने शराब बनाने वाली प्रमुख कंपनी डायजीयो के साथ भी काम किया है.वो 2005 में नॉटिंगघम सीट के लिए चुनाव हार गई थीं. साल 2010 में उन्होंने विटहैम सीट से चुनाव जीत लिया था.प्रीति पटेल ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर को अपना आदर्श नेता मानती हैं.

प्रीति की मुश्किलें इसलिए बढ़ी  कि इस्राइल में छुट्टियों के दौरान उन्होंने उचित मंच पर व्यवहारिक प्रक्रियाओं का पालन किए बगैर वहां के प्रधानमंत्री और अधिकारियों से मुलाकात की थी.इस मामले में और टिप्पणी करने से डाउनिंग स्ट्रीट ने इनकार कर दिया. इससे पहले डाउनिंग स्ट्रीट से कहा गया था कि प्रधानमंत्री ने अगस्त में विदेश कार्यालय को जानकारी दिए बगैर इस्राइल में छुट्टियों के दौरान की गई मुलाकातों के लिए प्रीति पटेल की तरफ से मांगी गई माफी को स्वीकार कर लिया था.
45 वर्षीय प्रीति पटेल सत्ताधारी कंज़रवेटिव पार्टी की नेता हैं और पार्टी में उन्हें एक चमकते सितारे के तौर पर देखा जाता रहा है.

वो सरकार में कई भूमिकाएं निभा चुकी हैं. जून 2016 में उन्हें इंटरनेशनल डेवलपमेंट मंत्री बनाया गया था. यानी ब्रिटेन की विकासशील देशों को दी जाने वाली आर्थिक मदद का काम वही देख रही थीं.

वो यूरोपीय संघ की आलोचक रही हैं. कंज़रवेटिव सरकार में उनकी भूमिका अहम थी. उन्होंने समलैंगिक शादियों के ख़िलाफ़ मतदान किया था और धूम्रपान पर प्रतिबंध के ख़िलाफ़ भी अभियान चलाया था. वो इसराइल की एक पुरानी समर्थक रही हैं.

साल 2010 में सांसद चुनी गई थीं. ब्रेक्ज़िट अभियान की प्रखर समर्थक प्रीति पटेल 2014 में ट्रेज़री मंत्री थीं. 2015 के आम चुनावों के बाद वो रोज़गार मंत्री बन गई थीं.