रायपुर: छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को सत्ता में आए दो साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन चुनावी वादों को लेकर बीजेपी के हमले थम नहीं रहे। वक्त और नजाकत देख बीजेपी सरकार पर हमला कर ही देती है। ऐसे में जब असम में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी सरकार की उपलब्धियां गिना कर लोगो से वोट की अपील कर रहे थे, तो रायपुर में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट कर चुनावी वादों की याद दिलाते हुए सरकार पर निशाना साधा। रायपुर लौटते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी पार्टी के वादों का पूरा लेखा-जोखा तो सामने रखा ही, साथ ही बीजेपी से भी उनके वादों का हिसाब किताब मांग लिया।
दो साल पहले छत्तीसगढ़ में बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल असम में भी पार्टी की कमान संभाले हुए हैं। तीन दिवसीय दौरे पर असम गए भूपेश बघेल ने ताबड़तोड़ सभाएं लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जीत की रणनीति बता रहे हैं। शुक्रवार को भी जब वो असम के रूपाही हाट में जनसभा को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार की उपलब्धियों गिना रहे थे और बेहतर भविष्य के लिए असम में भी कांग्रेस की सरकार बनाने की अपील कर रहे थे, तभी छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अधूरे वादों वाला तीर चला दिया।
Read More: महिला ने आरक्षक को सरेराह पीटा, राहत राशि दिलाने के नाम पर मांगी थी रिश्वत
पूर्व मुख्यमंत्री ने भूपेश बघेल को टैग करते हुए ट्वीट किया। असम में भूपेश बघेल वादे पूरे करने का ढिंढोरा पीट रहे हैं और हकीकत में… युवा- रूकी हुई भर्तियां मांग रहे हैं, किसान- 2500 रुपए की एमएसपी मांग रहे हैं, महिलाएं- शराबबंदी मांग रही हैं, अनियमित- कर्मचारी नियमितिकरण मांग रहे हैं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता- 11 हजार महीने मांग रही हैं..। कुल मिलाकर राज्य में नई सरकार के बने दो साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन विपक्ष के पास अधूरे वादों का तरकश अब भी खाली नहीं हुआ है।
रमन सिंह के इस हमले पर जवाब भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ से आया। उनके ट्वीट के करीब डेढ़ घंटे बाद ही मुख्यमंत्री रायपुर एयरपोर्ट पर थे और साथ ही सामने था उनका जवाब भी। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि उनकी सरकार तो किसानों को एमएसपी पहले ही दे रही है बल्कि दिल्ली में धरने पर बैठे किसान एमएसपी की मांग जरुर कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि बहुत सारे वादे पूरे हो चुके, जो बचे हैं वो भी पूरे किए जा रहे हैं।
Read More: पाटन में 2 दिवसीय राज्य स्तरीय खेल मड़ई का शुभारंभ, पारंपरिक खेलों ने भरा उत्साह का रंग
बहरहाल, राजनीतिक वादों पर हुआ न तो ये पहला विपक्षी हमला है, और ना ही सरकार की तरफ से आया पहला पलटवार, लेकिन आरोप प्रत्यारोप की अंतहीन लड़ाई में बस जनता ही हासिए पर खड़ी रह जाती है। क्योंकि होता अकसर यही है कि चुनाव में वादे भी राजनीतिक दल अपनी सुविधा के हिसाब से करते हैं, और सरकार बनने के बाद पूरे भी अपने ही हिसाब से। बाकी, सिर्फ पक्ष और विपक्ष की जगह बदलती रहती है, नहीं बदलती है तो जनता की तकदीर।