महिला ने लाश के साथ छह दिन गुजारे | Woman spend six days with deadbody

महिला ने लाश के साथ छह दिन गुजारे

महिला ने लाश के साथ छह दिन गुजारे

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:59 PM IST, Published Date : November 2, 2017/6:57 am IST

ये घटना छत्तीसगढ़ के  परसगढी गांव की है जहाँ एक विवाहिता महिला ने  लाश के साथ पुरे  छह दिन गुजारे सुन कर आश्चर्य होगा पर ये सच  वहीं सोती  थी , वही रहती थी …..मामला तब उजागर हुआ जब घर से बदबू आने लगी। पडोस के लोग पुलिस को सूचन दिए और फिर उसके बाद  सातवेें दिन लाश का अंतिम संस्कार किया गया
 ये मामला किसी महिला के लिए सोचने पर मजबूर कर देगा की आज भी हमारे देश में पंचायत और समाज के  किस तरह से दुसरो की ज़िंदगी में दखल अंदाजी करते है ये जितना  शर्मनाक है उतना ही सोचनीय भी। इस घटना को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक पति की मौत के बाद पत्नी ने ग्रामीणों को बताया था  पर कोई सहयोग करने नहीं आया वजह थी .बरसों पहले प्रेम विवाह
जिस वजह से ग्रामीणों ने इस परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर रखा था। इस वजह से ग्रामीणाेें ने शव के अंतिम संस्कार में भाग नहीं लिया और सहयोग करने के बजाय दूरी बनाये रखी। जिसकी वजह से शव रखा रह गया, हालांकि पुलिस का दावा है कि बहिष्कार जैसी कोई बात नहीं, महिला ने रिश्तेदारों को फोन किया था, जो आने वाले थेे, जिनके इंतजार में शव रखा हुआ था।
मामला संभाग के कोरिया जिले का है। मनेंद्रगढ थाने के परसगढी गांव में शिवनाथ नामक अधेड की मौत हो गई। शिवनाथ अपनी पत्नी मानमती के साथ रहता था।  उसकी मौत हो गई उसकी जानकारी  छह दिन बाद मिली। मनेंद्रगढ पुलिस को ग्रामीणों से सूचना मिली कि एक झोपडी नुमा घर से बदबू आ रही है। पुलिस वहां पहुंची तो उसने पाया कि घर में शव मौजुद है। यह शिवनाथ का शव था मानमती छह दिन और छह रात शव के साथ ही गुजार चुकी थी।  पुलिस के अनुसार शव नष्ट होने लगा था और उसमें कीडे लग गए थे। पुलिस की मौजुदगी में फिर मानमती ने घर के पीछे ही खेत नुमा जगह पर शिवनाथ का परंपरानुरूप संस्कार किया..
    अब यह प्रश्न कि.. महिला ने शव के साथ छह दिन क्यों गुजारे.इसकी वजह है  करीब पच्चीस वर्ष पूर्व मानमती और शिवनाथ नेे प्रेम विवाह किया, जिससे गांव के लोग नाराज हो गए और पच्चीस वर्षो से उसका  बहिष्कार किया गया उसे गांव के किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाता था न ही उसे किसी परिवार में उठने बैठने की अनुमति थी  इसलिए मौत की सूचना पर भी गांव के लोग मौन बने रहे। इसके साथ यह भी बात आ रही है  कि शिवनाथ शराब का आदी था और गांव में विवाद करता था,  वही  पुलिस का दावा है कि बहिष्कार जैसी कोई बात नहीं थी, पर यह सही है कि महिला छह दिनों तक शव के साथ रही है और परिजनों का इंतजार कर रही थी।
ibc 24 वेब से रेणु नंदी

 
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