प्रदेश में शराबबंदी को लेकर महिलाओं की लड़ाई, सीएम को दिया संदेश, गांव-गांव में बैठक का दौर जारी | Women's fight against alcoholism in the state, message given to CM, round of meeting in village-village

प्रदेश में शराबबंदी को लेकर महिलाओं की लड़ाई, सीएम को दिया संदेश, गांव-गांव में बैठक का दौर जारी

प्रदेश में शराबबंदी को लेकर महिलाओं की लड़ाई, सीएम को दिया संदेश, गांव-गांव में बैठक का दौर जारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:51 PM IST, Published Date : June 16, 2019/2:41 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पूरी तरह से शराबबंदी को लेकर गांव-गांव में बैठकों का दौर जारी है। इसी क्रम में ग्रामीणों ने सूबे के मुखिया भूपेश बघेल को शराबबंदी का वादा निभाने के लिये चिट्ठियां लिखी है। इसके साथ महिलाओं ने उरला, मुरमुंदा, करगा और दरबार-मोखली गांव में बैठक की हैं। ग्रामीणों का मानना है कि पिछली पीढ़ी ने 50 साल की उम्र में शराब पीना शुरू किया था, और अब 9-10 साल की उम्र में ही बच्चे शराब पीना सीख रहे हैं।

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गांव की महिलाओं ने इसका मुख्य कारण अवैध शराब की खुलेआम और भारी मात्रा में बिक्री को बताया है। महिलाओं ने चिंता जताई है कि यह छत्तीसगढ़ के हर गांव की कहानी है और ऐसे में हम अपने बच्चों को भरी जवानी में ही खो देने की चिंता जाहिर की है।पिछले दिनों इलाके की महिलाओं ने शराब बिक्री के खिलाफ बैठक की थी और छत्तीसगढ़ मे पूर्ण शराबबंदी लागू कराने के लिए नए सिरे से मुहिम छेड़ने का निर्णय लिया था। उन्होंने प्रदेश के मुखिया को शराबबंदी का वादा याद दिलाते हुए पत्र लिखा था और गांव-गांव में घूमकर शराबबंदी के लिए प्रदेश वासियों का समर्थन हासिल करने का फैसला लिया था।

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महिलाओं का मानना है कि ये लड़ाई उन्होंने अपने बच्चों की जान बचाने के लिए लड़ रही हैं। उनका कहना है कि वे अपनी आंख के सामने अपने जवान बच्चों को शराब के कारण मरते नहीं देख सकती है।उन्होंने इस समस्या से निजात पाने के लिये छत्तीसगढ़ की सभी महिलाओं से समर्थन करने का आह्वान किया है। उनका कहना है कि प्रत्येक गांव से मुख्यमंत्री को पत्र लिखा जाय और शराबबंदी का वादा निभाने का आग्रह किया जाय।

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सभी गांवों का एक सामूहिक विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किया जाए और इसमें  सभी लोग एकजुट होकर शराबबंदी की मांग बुलंद करें। महिलाओं ने कहा कि अगर वे वोट देकर सरकार बनाना जानती हैं तो वादा पूरा करवाना भी जानती हैं। उनका कहना है कि जरूरत पड़ी तो छेरछेरा मांगने की तर्ज पर “जब्बे देबे, तब्बे टरन” जैसी स्त्रीहठ दिखाने से भी पीछे नहीं हटेगीं। उन्होंने प्रदेश के मुखिया से फिर आग्रह किया है कि वे प्रदेश में तत्काल शराबबंदी लागू करें और अपना वादा निभाएं।

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प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग का समर्थन करते हुए शराबबंदी संयुक्त मोर्चा के सक्रिय कार्यकर्ता निश्चय वाजपेयी ने कहा कि प्रदेश की महिलाएं भूपेश सरकार से वही मांग कर रही हैं, जो गांधी बाबा अंग्रेजों से किया करते थे। उन्होंने सरकार को याद दिलाते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गांधीबाबा ने शराबबंदी आंदोलन का नेतृत्व किया था। उनके इस अभियान मेें स्व खूबचंद बघेल की बूढ़ी माता ने भी हिस्सा लिया था।

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