अशोकनगर। प्रदेश सरकार के प्रति शासकीय कर्मचारियों का आक्रोश दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। आये दिन कोई न कोई संगठन अपनी मांगो को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते दिखाई दे रहे है इसी के अंतर्गत 19 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 10 दिनों से वनकर्मी हड़ताल पर बैठे हैं।
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लेकिन सरकार की ओर से कोई पॉजिटिव रिस्पॉन्स न मिलता देख आज कर्मचारियों ने भूख हड़ताल के साथ मुंडन कराकरअपना विरोध प्रकट किया है। आपको बता दें कि हड़ताल पर बैठे वनकर्मियों में से आधा दर्जन कर्मचारियों ने मुंडन कराया। केश त्याग करने वाले कर्मचारियों में महिलाऐं भी शामिल रहीं। जिले के वन विभाग में पदस्थ महिला कर्मचारियों ने मुंडन कराया और सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।
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ज्ञात हो कि वेतन विसंगति की प्रमुख शर्त के साथ ही अन्य 18 शर्तें जिनमे पेंशन शुरू करने , ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर शहीद का दर्जा देने, मेडिक्लेम से जोड़ने,वनकर्मियों को सशस्त्र बल घोषित करने सहित अन्य मांगों को लेकर वनकर्मी सरकार के विरोध में लामबंद हुए हैं। आज मुंडन कराने वाली महिला कर्मचारी ने बताया कि मुख्यमंत्री उनकी मांगों को लेकर बिल्कुल गंभीर नही हैं इसलिये उनके द्वारा मुंडन कराया गए। प्रदेश सरकार पर वनकर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के इस व्यवहार के कारण ही महिला कर्मियों ने संस्कृति के विपरीत मुंडन कराया, महिला ने कहा कि यह जन्म के बाद मुंडन होने के बाद मजबूरी में यह सब उन्हें करना पड़ा है। वहीं वन मण्डल कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष ने बताया कि पूर्व में भी हड़ताल निरस्त करने के लिए झूठा आश्वासन दे दिया था लेकिन शर्तें नही मानी गयीं,साथ ही भी बताया कि उनके द्वारा की गई मांगे जायज हैं। जिलाध्यक्ष ने बताया कि यदि अब भी उनकी मांगें नही मनी गयीं तो आगे उग्र आंदोलन भी करेंगे।
वेब डेस्क IBC24
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