'नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी' की ख्याती गूंजी वर्ल्ड बैंक तक, योजना के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को मिलेगी मदद | world Bank will help Chhattisgarh Government for narva garwa ghurwa badi Scheme

‘नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी’ की ख्याती गूंजी वर्ल्ड बैंक तक, योजना के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को मिलेगी मदद

'नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी' की ख्याती गूंजी वर्ल्ड बैंक तक, योजना के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को मिलेगी मदद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:55 PM IST, Published Date : September 19, 2019/9:38 am IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना ‘नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी’ की ख्याती अब देश ही नहीं विदेशों में भी फैलने लगी है। इस महत्वकांक्षी योजना वर्ल्ड बैंक के कंट्री हेड जुनैद कमाल अहमद को इतनी पसंद आई कि उन्होंने ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की मदद करने के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। बता दें ‘नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी’ योजना के लिए सीएम भूपेश बघेल को ब्रिटिश संसद हाउस और हाउस ऑफ लाॅर्डस में सम्मानित किया जा चुका है।

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दरअसल वर्ल्ड बैंक के कंट्री हेड जुनैद कमाल अहमद गुरुवार को छत्तीसगढ़ प्रवास पर रायपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सीएम भूपेश बघेल से मुलकात की। मुलाकात के दौरान अहमद ने कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के साथ छत्तीसगढ़ के कृषि की दृष्टि के कम विकसित क्षेत्रों में नई तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने और कृषि उत्पादन में वृद्धि के उपायों से जुड़े विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया।

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मुख्यमंत्री ने अहमद को प्रदेश में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के समग्र विकास के लिए प्रारम्भ की गई सुराजी गांव योजना ’नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी विकास योजना’ की विस्तृत जानकारी दी। बघेल ने बताया कि इस योजना में ग्रामीणों का स्वतःस्फूर्त सहयोग मिल रहा है। जुनैद ने खेती-किसानी की प्रगति के लिए शुरू की गई इस योजना की सराहना करते हुए, छत्तीसगढ़ में ’नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी विकास योजना’, कृषि क्षेत्र के विकास और कृषि आधारभूत संरचनाओं के लिए वर्ल्ड बैंक के माध्यम से हर-संभव सहयोग का भरोसा दिलाया।

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बघेल ने वर्ल्ड बैंक के कंट्री हेड जुनैद को बताया कि नरवा योजना में नदी-नालों को रिचार्ज करने का कार्य किया जा रहा है। गरवा के माध्यम से पशुधन विकास के कार्य किए जा रहे हैं। जिसमें गांवों में गौठान और चारागाह विकसित किए जा रहे हैं। गौठानों को पशुओं के डे-केयर सेन्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां पशुओं के लिए छाया और पानी की व्यवस्था की जा रही है, साथ ही पशुओं के गोबर से घुरवा में कम्पोस्ट और वर्मी खाद तथा बायो गैस का उत्पादन किया जाएगा। गौठानों में पशु नस्ल सुधार के कार्यो के साथ दुग्ध उत्पादन के लिए भी कार्य किए जाएंगे।

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मुख्यमंत्री ने बताया कि इस कार्य से गांव के महिला स्वसहायता समूहों और युवाओं को जोड़ा जा रहा है। इस योजना से पशुओं से फसल बचाने के लिए खेतों को घेरने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, किसानों को जैविक खाद उपलब्ध होगी, कृषि लागत कम होगी, लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में दो हजार गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है जिनमें से लगभग डेढ़ हजार गौठान बन गए हैं। बाड़ी योजना में किसानों के घरों की बाड़ी में सब्जियों और मौसमी फलों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे पौष्टिक आहार उपलब्ध हो सकेगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त के.डी.पी. राव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी और मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा सहित सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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