सेहत डेस्क। आज विश्व किडनी दिवस है जिसे मनाने की खास वजह लोगों को किडनी से होने वाली बीमारियों से अवगत कराना। और आम दिनचर्या में ऐसे कुछ सुधार करना है। की जिससे किडनी की समस्या से बचा जा सके।
आधुनिक जीवनशैली के बीच किडनी की समस्या लोगों में तेजी से बढ़ रही है। मानव शरीर में दो किडनी होती है। लेकिन कभी कभी यह देखा जाता है कि एक किडनी सही तरीके से काम नहीं कर रही। जिसे डॉक्टरी इलाज से समझा जा सकता है कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है।रीढ़ की हड्डी के दोनों सिरों पर बीन के आकार के दो अंग होते हैं, जिन्हें किडनी कहते हैं। शरीर के रक्त का बड़ा हिस्सा गुर्दों से होकर गुजरता है। गुर्दों में मौजूद लाखों नेफ्रोन नलिकाएं रक्त को छानकर शुद्ध करती हैं। ये रक्त के अशुद्ध भाग को मूत्र के रूप में अलग भेजती हैं। किडनी रोग का शुरुआती अवस्था में पता नहीं चल पाता और यह इतना खतरनाक होता है कि बढ़कर किडनी फेल्योर का रूप ले लेता है।
आम तौर पर हम खुद नहीं समझ पाते कि किडनी समस्या के कारण क्या हैं। वैसे गुर्दों की समस्या के लिए खासतौपर पर दूषित खानपान और वातावरण जिम्मेदार माना जाता है। कई बार गुर्दों में परेशानी का कारण एंटीबायोटिक दवाओं का ज्यादा सेवन भी होता है। मधुमेह रोगियों को किडनी की शिकायत आम लोगों की तुलना में ज्यादा होती है।
किडनी रोग के लक्षण
थकान और कमजोरी
ठंड ज्यादा लगना
चकत्ते ओर खुजली
मितली और उल्टी आना
छोटी सांस आना
मूत्र कम या ज्यादा आना
पेशाब में खून आना
अंगों पर सूजन
इनमें से किसी एक लक्षण को भी अगर आप अपने में देख रहे हैं तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। किडनी रोग को समय से पहचानना बहुत जरूरी है, रोग को पहचानने में देरी होने पर यह किडनी फेल्योर का कारण भी बन सकता है।