योगासन से कर सकते है कई बीमारियों का इलाज | Yoga can be cured of many diseases

योगासन से कर सकते है कई बीमारियों का इलाज

योगासन से कर सकते है कई बीमारियों का इलाज

:   Modified Date:  November 28, 2022 / 10:21 PM IST, Published Date : November 21, 2017/11:58 am IST

अगर योग को जीवनशैली में शामिल कर लिया जाए तो कई तरह की बीमारियों से बचाव किया जा सकता है. अक्‍सर लोग सेहत और फिटनेस की देखभाल पर बहुत ज्य़ादा खर्च करते हैं पर इससे उन्हें कोई विशेष लाभ नहीं होता. योग स्वस्थ रहने का एक ऐसा सरल तरीका है, जिसे अपना कर आप ताउम्र कई गंभीर बीमारियों से बचे रह सकते हैं. आइए जानते हैं कि योगाभ्यास के माध्यम से किन समस्याओं को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है.

हाई ब्लड प्रेशर

यह धारणा भ्रामक है कि हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ों को योगाभ्यास नहीं करना चाहिए। ऐसे लोगों के लिए चंद्रभेदी प्राणायाम बहुत फायदेमंद साबित होता है। इसके नियमित अभ्यास से हाई बीपी को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है.

कैसे करें चंद्रभेदी प्राणायाम : इसके लिए सुखासन में बैठकर दायें हाथ के अंगूठे से दायीं नासिका छिद्र को बंद करें और बायीं नासिका छिद्र से सांस लें अौर दायीं नासिका छिद्र से बाहर निकालें। इस दौरान आंखें बंद रखें और सारा ध्यान आती-जाती सांसों पर होना चाहिए। इसे करते हुए मन में शांति और सांसों की गति के प्रति एकाग्रता बहुत ज़रूरी है। तभी आपको इसका पूरा लाभ मिलेगा। शुरुआत में आप इसे 5 बार कर सकते हैं, बाद में अभ्यास के साथ धीरे-धीरे इसकी आवृत्ति बढ़ाते जाएं। इससे उच्च रक्तचाप को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है और यह क्रिया हृदय रोग से भी बचाव करती है.

अस्‍थमा 

आजकल बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों में अस्‍थमा की समस्या बहुत तेज़ी से बढ़ रही है और हर आयु वर्ग के लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं. इस समस्या से बचाव के लिए भस्त्रिका प्राणायाम बहुत फायदेमंद होती है।

कैसे करें भस्त्रिका प्राणायाम : यह क्रिया बहुत धीमी गति से करनी चाहिए. लंबी गहरी सांस फेफड़ों में भरें और उसे धीमी गति से वापस छोड़ें। इसकी शुरुआत एक-दो मिनट से करें और जब सहज अभ्यास हो जाए तो इसे पांच मिनट तक ले जाएं. ध्यान रहे, जब थकान महसूस हो तो बीच में रुक जाएं.

डायबिटीज़

यह महानगरीय जीवनशैली से जुड़ी ऐसी समस्या है, जिससे आजकल ज्य़ादातर लोग परेशान रहते हैं। अगर किसी व्यक्ति में डायबिटीज़ के लक्षण नज़र आएं तो उसके लिए मंडूक आसन बहुत फायदेमंद साबित होता है।