भारत युवाओं का देश है और अब यही युवा भारत को बनाएंगे एशिया की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति। इस वक्त चीन और जापान एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन कंसल्टेंसी फर्म डेलॉय की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की बढ़ती कामकाजी आबादी इसे अगले दो दशक में चीन और जापान से भी आगे ले जा सकती है।
चीन और जापान को अपनी आबादी की बढती उम्र का नुकसान झेलना होगा, जबकि भारत को अपनी युवा आबादी का लाभ मिलेगा। भारत में अभी युवा आबादी 88 करोड़ है और युवा आबादी ही कामकाजी आबादी होती है। अगले दो दशक में भारत की कामकाजी आबादी 108 करोड़ होने का अनुमान है, जो 2050 आते-आते 112 करोड़ हो जाएगी। दूसरी ओर, इसी दौरान चीन और जापान की कामकाजी उम्र घटेगी, बुजुर्गों की संख्या बढ़ेगी। कुल मिलाकर स्थिति ये बनेगी कि 2030 में एशिया की कुल कामकाजी आबादी का आधे से ज्यादा हिस्सा भारत का होगा।
डेलॉय की रिपोर्ट में हालांकि ये भी कहा गया है कि भारत के सामने आर्थिक महाशक्ति बनने की दिशा में अगर युवा आबादी एक वरदान बन सकती है तो यही युवा आबादी एक बड़ी चुनौती भी होगी। अगर नीतियां सही तरीके से नहीं बनीं तो इससे बेरोजगारी की समस्या बढ़ेगी और अफ्रीका की तरह सामाजिक तनाव का भी सामना करना पड़ सकता है। भारत की दूसरी बड़ी चुनौती महिला कामकाजी आबादी में आ रही गिरावट है। पिछले एक दशक में भारत की कुल कामकाजी आबादी में महिलाओं की आबादी 37 प्रतिशत से घटकर 27 प्रतिशत हो गई है। अगर महिला वर्कफोर्स में आ रही गिरावट की रफ्तार यही रही तो आर्थिक महाशक्ति बनने की राह में बाधा आ सकती है। दूसरी ओर, अगर नीतियां सही तरीके से बनीं और लागू हुईं तो भारत न सिर्फ एशिया की बल्कि दुनिया की भी तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।