मां दूर्गा को 9, जबकि गणेश जी को 10 दिन बाद किया जाता है विसर्जन, जानिए क्यों?

Story of Ganesh Visarjan: मां दूर्गा को 9, जबकि गणेश जी को 10 दिन बाद किया जाता है विसर्जन, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

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  • Publish Date - August 29, 2022 / 03:07 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:09 PM IST

Story of Ganesh Visarjan: 31 अगस्त 2022 को गणेश जी के आगमन के लिए देश भर में जोरों शोरो से तैयारियां चल रही है। बड़े पंडालों सहित घरों में गणेश जी को घर लाने के लिए सभी बहुत उत्साहित है। हर साल पूरे देशभर में गणेश उत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन सभी के जहन में एक सवाल जरूर उठता है कि भगवान गणेश आखिर 10 ही दिनों के लिए क्या आते है? और 10 दिन बाद ही क्यों उनका विसर्जन कर दिया जाता है। आज हम आपको बताएंगे क्या है इसके पीछे का वजह। इसके अलावा दुर्गा मां को भी 9 दिन विराजती है। इन नौ दिन मां दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा की जाती है। 9 दिन के बाद मां दुर्गा का विसर्जन कर दिया जाता है

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महाभारत से जुड़ा है संबंध

Story of Ganesh Visarjan: हर साल भाद्रपद महीने के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश घर-घर में विराजते हैं। देश के कई राज्‍यों में गणेशोत्‍सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं इसके 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन होता है। लेकिन कई जगहों पर डेढ़ दिन, पांच दिन बाद भी गणपति विसर्जन कर दिया जाता है। सबसे ज्यादा गणेश उत्सव की धूम महाराष्ट्र में रहती है। दरअसल, 10 दिन बाद गणेश विसर्जन करने के पीछे एक खास कारण है, जिसका संबंध महाभारत से जुड़ा है।

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10 दिन तक एक ही जगह बैठे थे गणेश जी

Story of Ganesh Visarjan: ऐसा माना जाता है कि भाद्रपद महीने के शुक्‍ल पक्ष की गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी का जन्‍म हुआ था। साथ ही पौराणिक कथाओं में यह भी उल्‍लेख है कि गणेश चतुर्थी के दिन से ही महाभारत का लेखन कार्य शुरू हुआ था। महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना के लिए गणेशजी से इसे लिपिबद्ध करने की प्रार्थना की थी और गणेश जी ने कहा था कि वह लिखना आरंभ करेंगे तो कलम नहीं रोकेंगे। यदि कलम रुक गई तो वहीं लिखना बंद कर देंगे। तब महर्षि वेदव्‍यास ने कहा कि भगवान आप विद्वानों में सबसे आगे हैं और मैं साधारण ऋषि, यदि मुझसे श्‍लोकों में कोई गलती हो जाए तो आप उसे ठीक करते हुए लिपिबद्ध करते जाएं। इस तरह महाभारत लेखन शुरू हुआ और लगातार 10 दिन तक चला।

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इसलिए किया जाता है विसर्जन

Story of Ganesh Visarjan: अनंत चतुर्दशी के दिन जब महाभारत लेखन का काम पूरा हुआ तो गणेश जी का शरीर जड़वत हो चुका था। बिल्कुल न हिलने के कारण उनके शरीर पर धूल-मिट्टी जम गई थी। तब गणेश जी ने सरस्‍वती नदी में स्‍नान करके अपना शरीर साफ किया। इसलिए गणपति स्‍थापना 10 दिन के लिए की जाती है और फिर गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। वैसे गणेश उत्सव मन का मैल हटाने का पर्व है। गणेशोत्‍सव को आध्‍यात्मिक दृष्टि से देखें तो यह 10 दिन हमें संयम से रहने और हमारे मन-आत्‍मा पर लगे मैल को हटाकर उसे स्‍वच्‍छ करने का समय है। इस दौरान व्‍यक्ति को अपना अवलोकन करते हुए पूरा ध्‍यान गणेश जी की भक्ति में लगाना चाहिए।

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