These people will get happiness and peace in Magh Amavasya: नई दिल्ली। माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या कहते हैं, इसको आम बोलचाल की भाषा में माघी अमावस्या भी कहा जाता है। माघ माह में हर दिन गंगा स्नान करने का महत्व है क्योंकि माघ में गंगा का जल अमृत के समान माना जाता है। इसमें स्नान करने मात्र से ही पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस वजह से गंगा को मोक्षदायिनी भी कहा जाता है। गंगा के स्पर्श मात्र से ही राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को मोक्ष प्राप्त हुआ था। इस वजह से मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या के दिन गंगा स्नान का बड़ा ही महत्व है। इस दिन प्रायगराज, हरिद्वार समेत कई स्थानों पर स्नान दान होता है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 21 जनवरी दिन शनिवार को सुबह 06 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है। इस तिथि का समापन अगले दिन 22 जनवरी रविवार को तड़के 02 बजकर 22 मिनट पर होगा। 21 जनवरी को सूर्योदय सुबह 07:14 बजे से है। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या 21 जनवरी शनिवार को है।
These people will get happiness and peace in Magh Amavasya: मौनी अमावस्या की तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। तिथि की गणना सूर्योदय से सूर्योदय तक होती है। ऐसे में मौनी अमावस्या की तिथि में 22 जनवरी को सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:30 बजे से लेकर सुबह 07:14 बजे तक है। इससे पूर्व 21 जनवरी को हर्षण योग सुबह से लेकर दोपहर 02 बजकर 35 मिनट तक रहेगा और उसके बाद से वज्र योग होगा।
मौनी अमावस्या के दिन आपको गंगा स्नान करना चाहिए। यदि आप गंगा स्नान नहीं कर पाते हैं तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें। मौनी अमावस्या पर प्रात:काल से ही लोग गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाने लगते हैं। 21 जनवरी को आप शुभ-उत्तम मुहूर्त में सुबह 08:34 ए एम से 09:53 ए एम के मध्य स्नान कर सकते हैं। फिर अपनी क्षमता अनुसार दान करें।