Jalabhishek of Baba Vishwanath was done with 1101 urns

आज है निर्जला एकादशी, 1101 कलशों से हुआ बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक

1101 कलशों से हुआ बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक:Today is Nirjala Ekadashi, Jalabhishek of Baba Vishwanath was done with 1101 urns

Edited By :   Modified Date:  May 31, 2023 / 03:46 PM IST, Published Date : May 31, 2023/3:46 pm IST

Nirjala Ekadashi 2023 : वाराणसी।  निर्जला एकादशी ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। शास्त्रों में इस दिन का पौराणिक और धार्मिक महत्व सभी एकादशियों में सबसे अधिक है। मान्यता है कि इस एकादशी के दिन निर्जला उपवास रखने से भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और आपके घर में सौभाग्य और धन वृद्धि करती हैं। इस व्रत को करने से प्राणी की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है,आध्यत्मिक ऊर्जा का विकास होता है और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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Nirjala Ekadashi 2023 : शास्त्रों के अनुसार इस एकादशी को सूर्योदय से पूर्व स्नान करके अर्घ्य,व्रत,जप-तप,पूजन,कीर्तन एवं दान-पुण्य करने से स्वयं भगवान विष्णु,प्राणियों को ब्रह्मघात और अन्य कृत्या-कृत्य पापों से मुक्त करके जीव को शुद्ध कर देते हैं।शास्त्रों के अनुसार,वर्ष भर में जितनी एकादशियां होती हैं,उन सबका फल मात्र निर्जला एकादशी का व्रत रखने से प्राप्त हो जाता है।

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1101 कलशों से बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक

 

Nirjala Ekadashi 2023 : जेष्ठ शुक्ल् पक्ष की अनंत पुण्य प्रदायनी एकादशी पर तिथि पर काशीवासियों ने बाबा काशी विश्वनाथ का 1101 कलशों में भरे गंगाजल से जलाभिषेक किया। बुधवार को कलश यात्रा डॉ राजेंद्र प्रसाद घाट से आरंभ हुई। सनातनियों ने पारंपरिक परिधानों में जलाभिषेक यात्रा में सम्मिलित होकर वर्षों पुरानी परंपरा का विधिवत निर्वाह किया। श्री काशी विश्वनाथ वार्षिक कलश यात्रा के इस संस्करण में भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था।

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यात्रा में सबसे आगे नंदी पर विराजमान भगवान शिव और माता पार्वती की छवि धारण किए कलाकारों की प्रस्तुति विशेष उत्साह भर रही थी। डमरू की गर्जना के साथ भक्तों का हर हर महादेव उद्घोष से संपूर्ण परिवेश शिव भक्ति से पूरित रहा।

 

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