Som Pradosh Vrat Katha 2023 : आज है वैशाख मास का पहला सोम प्रदोष व्रत, यहां जानें महत्व, कथा और पूजन की पूरी विधि
Som Pradosh Vrat Katha 2023 : हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष तिथि का व्रत किया जाता है।
Som Pradosh Vrat Katha 2023
Som Pradosh Vrat Katha 2023 : नई दिल्ली। हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष तिथि का व्रत किया जाता है। इस तरह से इस बार सोम प्रदोष व्रत आज यानी 17 अप्रैल को है। सोमवार का दिन भगवान शिव को काफी प्रिय है। इसलिए सोमवार के दिन प्रदोष व्रत के पड़ने से इसका महत्व और बढ़ जाता है। इस व्रत के प्रभाव से चंद्रमा अपना शुभ फल देता है। सोम प्रदोष व्रत करने से हर कष्ट दूर होते हैं।
Som Pradosh Vrat Katha 2023 : मान्यता है कि सोम प्रदोष का व्रत करने से सभी तरह के सुख प्राप्त होते हैं और इंसान जन्म और मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। जिस तरह से एकादशी की तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है, उसी तरह से त्रयोदशी की तिथि भगवान शंकर को समर्पित है। आइए आपको बताते हैं कि सोम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा कैसे की जाती है? क्या है शुभ मुहूर्त और इस दिन भगवान शिव की पूजा का क्या महत्व है।
कब है सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
Som Pradosh Vrat Katha 2023 : पंचांग के अनुसार भगवान शिव की कृपा बरसाने वाला सोम प्रदोष आज 17 अप्रैल 2023 को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार वैशाख मास के कृष्णपक्ष की 17 अप्रैल 2023 को दोपहर 03:46 से प्रारंभ होकर 18 अप्रैल 2023 को दोपहर 01:27 बजे तक रहेगी। वहीं शिव पूजा के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त आज सायंकाल 06:48 से लेकर रात्रि 09:01 बजे तक रहेगा।
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क्या होती है सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि
Som Pradosh Vrat Katha 2023 : भगवान शिव की कृपा बरसाने वाले प्रदोष व्रत पुण्यफल पाने के लिए साधक को प्रात:काल स्नान-ध्यान करके शिव का पूजन एवं दर्शन करना चाहिए। इसके बाद सायंकाल के समय विशेष रूप से दोबारा स्नान करने के बाद प्रदोष काल में पूरे विधि-विधान से शिव की पूजा करनी चाहिए। हिंदू मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में की जाने वाली पूजा का अधिक महत्व बताया गया है, इसलिए आज इसी समय शिव की विशेष पूजा करें और उसमें उनकी प्रिय चीजें जैसे बेलपत्र, बेल, भस्म, रुद्राक्ष, शमी पत्र आदि जरूर चढ़ाएं और उसके बाद प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें। शिव पूजा के अंत में उनकी आरती करना न भूलें। आरती के बाद महादेव को भोग लगाकर उसका प्रसाद सभी को बांटे और स्वयं भी ग्रहण करें।
शास्त्रों में सोम प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व
देवों के देव कहलाने वाले महादेव की पूजा के लिए सोम प्रदोष व्रत को बहुत ज्यादा शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन यदि कोई शिव भक्त प्रदोष काल के समय विधि-विधान से शिवलिंग की पूजा, प्रदोष व्रत की कथा का पाठ और शिव मंत्र का रुद्राक्ष की माला से जप करता है तो भगवान भोलेनाथ उस पर अपनी कृपा बरसाते हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत की पूजा करने से शिव भक्त की सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूरी हो जाती हैं।

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