Surya Grahan 2024 : कब लगेगा साल का दूसरा सूर्य ग्रहण? भारत में दिखेगा या नहीं, जानें कितने घंटे की रहेगी ग्रहण अवधि
Surya Grahan 2024 Date and Timings : साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगा था और दूसरा सूर्य ग्रहण अक्टूबर 2024 में लगने जा रहा है।
Surya Grahan 2024
नई दिल्ली। Surya Grahan 2024 Date and Timings : सौरमंडल में होने वाली सूर्य ग्रहण की घटना बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। साल 2024 में एक दो नहीं बल्कि कुल चार ग्रहण लगेंगे, जिसमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण है। कहा जाता है कि जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से निकलता है, तो इस घटना को सूर्य ग्रहण, वहीं जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाता है, तब चंद्र ग्रहण होता है। साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगा था और दूसरा सूर्य ग्रहण अक्टूबर 2024 में लगने जा रहा है।
कब लगेगा दूसरा सूर्यग्रहण?
Surya Grahan 2024 Date and Timings : इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण आश्विन मास की अमावस्या तिथि को लगेगा। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 2 अक्टूबर 2024 को साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगेगा। इस दिन सूर्य ग्रहण रात के 9 बजकर 13 मिनट से शुरू होगा जो देर रात 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा। हस ग्रहण की कुल अवधि करीब 6 घंटे 4 मिनट की होगी।
भारत में दिखेगा असर या नहीं!
इस साल का पहला सूर्य भारत में नहीं दिखा था। अब हैरान करने वाली ये है कि इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भी भारत में नहीं नजर आएगा। ऐसा होने के पीछे का मुख्य कारण ये है कि ग्रहण भारतीय समयानुसार रात के समय में लगेगा।
इन देशों में नजर आएगा सूर्यग्रहण
अब सवाल ये है कि अगर भारत में नहीं दिखेगा तो दुनिया के किन-किन देशों के लोग इस ग्रहण को देख पाएंगे। ब्राजील, कूक आइलैंड, चिली, पेरू, होनोलूलू, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, आर्कटिक, फिजी, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स और बेका आइलैंड आदि देशों के लोग इस सूर्य ग्रहण को देख सकते हैं।
कब लगेगा सूतककाल?
2 अक्तूबर को रात्रि के समय सूर्य ग्रहण लगेगा, जिसका असर भारत में नहीं दिखाई देगा। ऐसे में सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। पूजा-पाठ और कोई मांगलिक, धार्मिक कार्यों को करने की मनाही होती है। कहते हैं कि सूतक काल के दौरान भगवान का नाम लेकर उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए। मंत्रों का जाप करने से ग्रहण का दुष्प्रभाव कम होता है। वहीं सूतक काल के समय गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है।

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