राष्ट्रमंडल खेलों में आसान चुनौती विनेश और साक्षी के लिये लय हासिल करने का मौका |

राष्ट्रमंडल खेलों में आसान चुनौती विनेश और साक्षी के लिये लय हासिल करने का मौका

राष्ट्रमंडल खेलों में आसान चुनौती विनेश और साक्षी के लिये लय हासिल करने का मौका

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : July 20, 2022/2:03 pm IST

(अमनप्रीत सिंह)

नयी दिल्ली, 20 जुलाई ( भाषा ) राष्ट्रमंडल खेलों में कमोबेश आसान चुनौती खराब फॉर्म से जूझ रही विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के लिये खोई लय हासिल करने का सुनहरा मौका होगा और कुश्ती स्पर्धा में भारतीय पहलवानों का दबदबा रहने की उम्मीद है ।

विनेश और साक्षी के अलावा बजरंग पूनिया के लिये भी ये खेल महत्वपूर्ण हैं जो तोक्यो ओलंपिक से पहले घुटने की चोट का शिकार हो गए थे जिससे उनके प्रदर्शन पर असर पड़ा ।

राष्ट्रमंडल खेलों में ईरान, रूस, जापान और कजाखस्तान जैसे कुश्ती के लिये मशहूर देश भाग नहीं ले रहे हैं । कनाडा और नाइजीरिया के पहलवान ही भारतीयों को कुछ चुनौती दे सकते हैं ।

बजरंग की ताकत उनका दमखम है । हाल ही में मेडिकल चेकअप कराने के बाद उनमें आत्मविश्वास लौटा है कि शरीर उन्हें दगा नहीं देगा । दूसरी ओर तोक्यो ओलंपिक से पहले शानदार फॉर्म में चल रही विनेश पदक नहीं जीत सकी । उनके खराब फॉर्म का आलम यह है कि वह हमवतन पहलवानों को भी नहीं हरा पा रही है ।

खेल के मानसिक पहलू को लेकर उनके संघर्ष और तोक्यो ओलंपिक के बाद प्रशासकों से ठनने का उनके प्रदर्शन पर असर पड़ा है । राष्ट्रमंडल खेलों से उनका आत्मविश्वास लौट सकता है क्योंकि पेरिस ओलंपिक 2024 में अब अधिक समय नहीं बचा है ।

रियो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी के लिये भी राष्ट्रमंडल खेल अहम होंगे जिसे अपना आत्मविश्वास पाने के लिये मनोवैज्ञानिक की मदद लेनी पड़ी । आखिरकार राष्ट्रमंडल खेल ट्रायल में उसने सोनम मलिक को हराया जबकि इससे पहले उससे लगातार चार मुकाबले हार चुकी थी ।

एशियाई चैम्पियनशिप ट्रायल में 62 किलो वर्ग में मनीषा से हारने वाली साक्षी ने उसे हराया ।

तोक्यो ओलंपिक रजत पदक विजेता रवि दहिया इतने शानदार पहलवान है कि राष्ट्रमंडल खेलों में उनके सामने कोई चुनौती ही नहीं है । उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ खेल भी दिखाने की जरूरत नहीं है । दीपक पूनिया (86 किलो ) के लिये भी चुनौती मुश्किल नहीं है लेकिन उन्हें चोटों से बचना होगा ।

नवीन (74 किलो ), दीपक (97 किलो ) और मोहित ग्रेवाल (125 किलो ) के लिये भी यह अच्छा मौका है ।

महिला वर्ग में अंशु मलिक चोटों से जूझ रही थी लेकिन वह स्वर्ण की प्रबल दावेदार है । पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक से उनसे उम्मीदें बढी है ।

दिव्या ककरान (68 किलो ) , पूजा गेहलोत (50 किलो ) और पूजा सिहाग (76 किलो ) से भी उम्मीदें हैं ।

भारत 2018 गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों की कुश्ती स्पर्धा में 12 पदक जीतकर शीर्ष रहा था जिसमें पांच स्वर्ण शामिल थे ।

भारतीय टीम :

पुरूष फ्रीस्टाइल : रवि कुमार दहिया (57 किलो ), बजरंग पूनिया (65 किलो ), नवीन (74 किलो ), दीपक पूनिया (86 किलो ), दीपक (97 किलो ), मोहित ग्रेवाल (125 किलो )

महिला टीम : पूजा गेहलोत (50 किलो ), विनेश फोगाट (53 किलो ), अंशु मलिक (57 किलो ), साक्षी मलिक (62 किलो ), दिव्या ककरान (68 किलो ), पूजा सिहाग (76 किलो )

राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती के मुकाबले पांच अगस्त से शुरू होंगे ।

भाषा मोना

मोना

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)