पंत को कप्तान बनाये रखने के टीम के निर्णय का सम्मान करता हूं : अय्यर

पंत को कप्तान बनाये रखने के टीम के निर्णय का सम्मान करता हूं : अय्यर

पंत को कप्तान बनाये रखने के टीम के निर्णय का सम्मान करता हूं : अय्यर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:32 pm IST
Published Date: September 23, 2021 10:32 am IST

दुबई, 23 सितंबर (भाषा) श्रेयस अय्यर ने कहा कि उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी करना पसंद है लेकिन वह ऋषभ पंत को 2021 सत्र के आखिर तक कप्तान बनाये रखने के टीम प्रबंधन के निर्णय का सम्मान करते हैं।

अय्यर की अगुवाई में दिल्ली ने 2020 में फाइनल में जगह बनायी थी लेकिन कंधे की चोट के कारण वह इस साल टूर्नामेंट के पहले चरण में नहीं खेल पाये थे जिसके बाद टीम प्रबंधन ने पंत को कप्तान नियुक्त किया था।

कोविड-19 के कारण मई में स्थगित कर दिये आईपीएल के फिर से बहाल होने पर 26 वर्षीय अय्यर ने वापसी की लेकिन दिल्ली ने पंत को ही कप्तान बनाये रखा।

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सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ जीत में नाबाद 47 रन की आक्रामक पारी खेलने वाले अय्यर ने कहा कि वह टीम की नीति समझते हैं और उन्हें कोई शिकायत नहीं है। दिल्ली ने यह मैच आठ विकेट से जीता।

अय्यर ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जब मुझे कप्तानी सौंपी गयी थी तो मैं मानसिक तौर पर अलग तरह की स्थिति में था तथा निर्णय लेने की मेरी क्षमता और सहनशीलता का स्तर बहुत अच्छा था और मुझे पिछले दो वर्षों में इसका लाभ मिला।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह फ्रेंचाइजी का निर्णय है और उन्होंने जो भी निर्णय लिया है मैं उसका सम्मान करता हूं। ऋषभ सत्र के शुरू से ही अच्छी तरह से टीम की अगुवाई कर रहा है और उन्हें लगा कि उसे सत्र के आखिर तक कप्तान बनाये रखना चाहिए और मैं इस फैसले का पूर्ण सम्मान करता हूं।’’

अय्यर ने कहा कि उन्हें दबाव की परिस्थितियों में खेलने में आनंद आता है क्योंकि ऐसे में उनके खेल में निखार आता है।

उन्होंने कहा, ‘‘और कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है। अब मैं बल्लेबाजी पर अधिक ध्यान दे रहा हूं। जब मैं कप्तान था तो मुझे दबाव में खेलना पसंद था। जब दबाव होता है तो आपके सामने अधिक चुनौतियां होती है और ऐसी परिस्थितियों में मैं अच्छा प्रदर्शन करता हूं। ’’

अय्यर ने कहा, ‘‘यहां तक कि आज (बुधवार) जब मैं क्रीज पर उतरा तो मैच जीतने का दबाव था। विकेट में असमान उछाल थी तो मेरी सोच वही थी कि आखिर तक टिके रहकर मैच जीतना है।’’

भाषा पंत

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