जोशना ने अपनी वापसी पर कहा, भारत के लिए और अधिक खेलना चाहती हूं

जोशना ने अपनी वापसी पर कहा, भारत के लिए और अधिक खेलना चाहती हूं

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  • Publish Date - May 15, 2024 / 07:52 PM IST,
    Updated On - May 15, 2024 / 07:52 PM IST

चेन्नई, 15 मई (भाषा) स्क्वाश जैसे शारीरिक रूप से कठिन खेल में 37 साल की उम्र में सर्जरी के बाद वापसी करना आसान नहीं है लेकिन पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित जोशना चिनप्पा जल्द से जल्द पीएसए टूर पर वापस आने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

दुनिया की 10वें नंबर की पूर्व खिलाड़ी जोशना की पिछले साल एशियाई खेलों के बाद घुटने की सर्जरी हुई थी और महीनों के रिहैबिलिटेशन के बाद वह पूरी तरह फिट होने के करीब हैं।

उन्होंने इस सप्ताह यहां आयोजित राष्ट्रीय युगल स्क्वाश चैंपियनशिप में वापसी की और अभय सिंह के साथ मिश्रित युगल वर्ग में खिताब जीता।

जोशना ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे अब भी ऐसा लगता है कि मेरे पिछले कुछ साल अच्छे रहे, इसके बाद कई चोटें लगीं और कुछ महीने पहले मेरे घुटने की सर्जरी हुई। यह तय करना चुनौतीपूर्ण रहा है कि वापस खेलूं या आगे बढ़ जाऊं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मेरे पास ट्रेनिंग लेने और अपने पैरों को मजबूत बनाने का एक शानदार अवसर था और एक बार फिट होने के बाद मुझे फैसला लेना था कि कितना खेलना है। युगल (राष्ट्रीय) कुछ ऐसा था जिसे मैं खेलना चाहती थी और शारीरिक रूप से फिट होना चाहती थी और अब इसे जीतना इसे और भी खास महसूस कराता है।’’

जोशना ने कहा, ‘‘लेकिन मैं भारत के लिए और अधिक खेलना चाहूंगी और टूर (पीएसए) पर वापस आना चाहूंगी। मैं अब भी शत प्रतिशत प्रदर्शन नहीं कर रही हूं लेकिन मैं अपनी टीम और कोच के साथ मिलकर पूरी तरह से वापसी के बारे में फैसला करूंगी।’’ जोशना ने वापसी को संभव बनाने का श्रेय अपने सहयोगी स्टाफ को दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘(वापसी करना) कठिन है, खासकर 37 साल की उम्र में। मुझे पता है कि अभी तैयारी करने में कितना काम करना पड़ रहा है।’’

इस अनुभवी खिलाड़ी ने कहा, ‘‘लेकिन अधिक उम्र में ट्रेनिंग की खूबसूरती यह है कि आप अपने शरीर को बेहतर ढंग से समझते हैं। यदि आप चीजों को सही ढंग से करते हैं तो आप इससे बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। आहार, पोषण और ट्रेनिंग- मुझे इस पर अतिरिक्त ध्यान देना पड़ा ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सीखने की एक शानदार प्रक्रिया थी, मेरे फिजियो यश पांडे के साथ सर्वश्रेष्ठ (सहायक) टीम के साथ काम करना और उन्होंने वास्तव में मेरी वापसी में मदद की। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि चुनौतीपूर्ण समय के दौरान आपके आसपास कौन है।’’

भाषा सुधीर नमिता

नमिता