निशानेबाजी को हटाने पर भारत को राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार पर विचार करना चाहिये : मनु भाकर |

निशानेबाजी को हटाने पर भारत को राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार पर विचार करना चाहिये : मनु भाकर

निशानेबाजी को हटाने पर भारत को राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार पर विचार करना चाहिये : मनु भाकर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : May 23, 2022/8:25 pm IST

नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी स्पर्धा को हटाये जाने के विरोध में भारतीय टीम को इन खेलों के बहिष्कार पर विचार करना चाहिए।

ऑस्ट्रेलिया में 2026 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी के साथ कुश्ती और तीरंदाजी को खेलों की प्रारंभिक सूची से हटाने से भारत को बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रमंडल खलों के पिछले कुछ आयोजनों में भारतीय खिलाड़ियों का इन खेलों में शानदार प्रदर्शन किये हैं।

निशानेबाजी में भारत का 2002 में मैनचेस्टर खेलों से लगातार अच्छा प्रदर्शन करा है। इस खेल को 2022 में बर्मिंघम और 2026 में विक्टोरिया (ऑस्ट्रेलिया) में होने वाले खेलों की सूची से बाहर रखा गया है।

भाकर ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि भारतीय टीम को साहसिक फैसला लेते हुए राष्ट्रमंडल खेलों का बहिष्कार करने पर विचार करना चाहिए। निशानेबाजी को बाहर करना उचित नहीं है। ऐसा लग रहा है कि हमें हल्के में लिया जा रहा है।’’

युवा ओलंपिक के साथ राष्ट्रमंलड खेलों की इस स्वर्ण पदक विजेता ने कहा, ‘‘ यह उचित नहीं है। 2022 राष्ट्रमंडल खेलों से भी निशानेबाजी को हटा दिया गया। तब लगा था कि यह एक बार होगा लेकिन ऐसा नहीं है।’’

विक्टोरिया राष्ट्रमंडल खेलों 2026 का आयोजन मेलबर्न, जिलॉन्ग, बेंडिगो, बल्लारेट और गिप्सलैंड सहित कई शहरों में होगा।

भाकर ने कहा कि भारत के राष्ट्रमंडल खेलों से हटने से कड़ा संकेत जाएगा।

राष्ट्रमंडल खेलों के पिछले आयोजन में भारतीय निशानेबाजों ने 16 पदक जीते थे।

राष्ट्रमंडल खेल महासंघ महासभा ने पिछले साल अक्टूबर में एक नये ‘रणनीतिक ढांचे’ को मंजूरी दी थी, जिसके तहत 2026 सत्र से सिर्फ एथलेटिक्स और तैराकी ही अनिवार्य खेल होंगे।

भाषा आनन्द मोना

मोना

 

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