भारत चौथे दिन रक्षात्मक और डरा हुआ था: शास्त्री |

भारत चौथे दिन रक्षात्मक और डरा हुआ था: शास्त्री

भारत चौथे दिन रक्षात्मक और डरा हुआ था: शास्त्री

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : July 5, 2022/1:02 pm IST

बर्मिंघम, पांच जुलाई (भाषा) पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि पांचवें टेस्ट के चौथे दिन दूसरी पारी में बल्लेबाजी में भारत के ‘डर’ और ‘रक्षात्मक’ रवैये के कारण इंग्लैंड को वापसी करने का मौका मिला।

पहली पारी में 132 रन की बढ़त बनाने वाला भारत दूसरी पारी में सिर्फ 245 रन पर सिमट गया। इंग्लैंड की टीम अब लक्ष्य से सिर्फ 119 रन दूर है जबकि उसके सात विकेट शेष हैं।

एजबस्टन में स्काई स्पोर्ट्स की कमेंट्री टीम का हिस्सा शास्त्री ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह निराशाजनक था क्योंकि वे अपनी बल्लेबाजी से इंग्लैंड को मुकाबले से बाहर कर सकते थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें दो सत्र बल्लेबाजी करने की जरूरत थी और मुझे लगता है कि वे रक्षात्मक थे, वे आज डरे हुए थे, विशेषकर लंच के बाद। ’’

शास्त्री ने कहा, ‘‘विकेट गंवाने के बावजूद वे जोखिम उठा सकते थे। खेल में उस समय रन काफी महत्वपूर्ण थे और मुझे लगता है कि वे काफी रक्षात्मक हो गए, विकेट काफी जल्दी जल्दी गंवाए और इंग्लैंड को आज बल्लेबाजी का पर्याप्त समय दे दिया।’’

शास्त्री 2021 में भारतीय टीम के मुख्य कोच थे जब टीम ने श्रृंखला में 2-1 की बढ़त बनाई थी लेकिन फिर भारतीय खेमे में कोविड-19 के कई मामले आने के बाद दौरे को रद्द कर दिया गया था।

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने भारत के कार्यवाहक कप्तान जसप्रीत बुमराह पर रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने क्षेत्ररक्षकों को रक्षात्मक तरीके से सजाकर बल्लेबाजों के लिए स्ट्राइक रोटेट करना आसान कर दिया।

पीटरसन ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि आज बुमराह की रणनीति बिलकुल भी सही थी। गेंद के रिवर्स स्विंग होने के बावजूद उसने बल्लेबाजों का काम आसान कर दिया क्योंकि बल्लेबाजों को यह समझने में मुश्किल हो रही थी कि गेंद किस ओर स्विंग करेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब 90 मील प्रति घंटे की रफ्तार पर गेंद रिवर्स स्विंग हो रही हो तो बल्लेबाजी के लिए सर्वश्रेष्ठ जगह गेंदबाजी छोर होता है और आज वे काफी आसानी से गेंदबाजी छोर पर जाने में सफल रहे।’’

पीटरसन ने उम्मीद जताई कि बुमराह पांचवें और अंतिम दिन अलग रणनीति अपनाएंगे।

भाषा सुधीर

सुधीर

 

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