अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का दबाव संभालना आता है : धवन | International cricket comes to exert pressure: Dhawan

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का दबाव संभालना आता है : धवन

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का दबाव संभालना आता है : धवन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:22 PM IST, Published Date : March 24, 2021/8:13 am IST

पुणे, 24 मार्च (भाषा) इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे में 98 रन बनाकर जीत में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सिर्फ दबाव से निपटने का ही खेल है और वह इसे संभालना जानते हैं।

टी20 श्रृंखला के दौरान ज्यादातर समय धवन को बेंच पर ही बैठना पडा था जिससे उन पर वनडे श्रृंखला के शुरूआती मैच में अच्छा खेलने का दबाव था। उन्होंने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दबाव हमेशा होता है और अच्छी चीज यह है कि अनुभवी खिलाड़ी होने के नाते मैं इस दबाव से अच्छी तरह निपटना जानता हूं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘और दूसरी चीज यह है कि अनुभवी खिलाड़ी हूं तो मैं जानता हूं कि किस तरह के विकेट पर किस तरह का शॉट खेला जाये, हम विकेट को अच्छी तरह पढ़ सकते हैं और बल्लेबाजी इकाई में इसे अच्छी तरह से बता सकते हैं। हमने यही किया और यह हमारे लिये कारगर रहा। ’’

धवन ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से, जब मैं क्रीज पर जम गया तो मेरे पास खेलने के लिये काफी शॉट थे जिससे मैं रन जुटा सकता था। ’’

पांच मैचों की टी20 श्रृंखला के पहले मैच के बाद धवन को बेंच पर बिठा दिया गया तो इस बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि जब चीजें उनके पक्ष में नहीं थी तो उन्होंने किस तरह से खुद को सकरात्मक बनाये रखा।

धवन ने कहा, ‘‘जब मैं टी20 श्रृंखला में नहीं खेल रहा था तो मैंने खुद को सकारात्मक बनाये रखा। मैंने अपनी प्रकिया, फिटनेस, जिम में ट्रेनिंग पर ध्यान लगाये रखा और सकारात्मक बना रहा। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं हर परिस्थिति में खुद को सकारात्मक बनाये रखने की कोशिश करता हूं। मैं यही कर रहा था। मैं अपनी बल्लेबाजी पर काम कर रहा था। मैं जानता था कि अगर मौका मिला तो मैं इसका फायदा उठा लूंगा। ’’

धवन ने यह भी कहा कि मंगलवार को एमसीए स्टेडियम में विकेट तेज और स्विंग कर रहा था। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप शुरू से ही आक्रामक होते और कुछ विकेट गंवा देते तो इसका कोई फायदा नहीं होता इसलिये हमारी योजना विकेट पर डटे रहने और अच्छी गेंदों का सम्मान करने की थी। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते थे कि हम दोनों (रोहित और मैं) ये रन बाद में बना सकते हैं और विकेट भी तब बल्लेबाजों के लिये ज्यादा मददगार होगा और अंत में हमने इतना बड़ा स्कोर खड़ा कर लिया।’’

भाषा नमिता

नमिता

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)