निशा, गीता फोगाट और कई युवा पहलवानों को ट्रायल्स में भाग लेने से रोका गया

निशा, गीता फोगाट और कई युवा पहलवानों को ट्रायल्स में भाग लेने से रोका गया

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  • Publish Date - March 24, 2022 / 02:53 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

(अमनप्रीत सिंह)

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करने का कड़ा संदेश देते हुए अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता निशा दहिया और कुछ युवाओं सहित कुल 10 महिला पहलवानों को आगामी एशिया चैंपियनशिप के लिए ट्रायल में भाग लेने से रोक दिया।

जिन पहलवानों को रोका गया उन्होंने या तो लखनऊ में राष्ट्रीय शिविर में हिस्सा नहीं लिया था या बहाने बनाकर दो दिन में शिविर छोड़ दिया था। शिविर नौ फरवरी से शुरू हुआ था।

एशियाई चैंपियनशिप मंगोलिया में 19 से 24 अप्रैल तक होनी है और महिला पहलवानों का ट्रायल शुक्रवार को लखनऊ के साई (भारतीय खेल प्राधिकरण) केंद्र में होना है।

निशा सहित बाकी पहलवानों ने छूट देने का अनुरोध किया था लेकिन डब्ल्यूएफआई ने किसी तरह से नरम रवैया नहीं दिखाया। निशा 65 किग्रा भार वर्ग में भाग लेती है। वह हाल में तब चर्चा में आयी थी जब हरियाणा में उनकी हत्या की खबर सामने आयी थी जो फर्जी निकली थी।

जिन अन्य पहलवानों को राष्ट्रीय शिविर से बाहर किया गया उनमें हनी कुमारी (50 किग्रा), अंकुश (53 किग्रा), अंजू (55 किग्रा), रमन (55 किग्रा), गीता (59 किग्रा), भटेरी (65 किग्रा), प्रियंका (65 किग्रा), नैना (68 किग्रा) और पूजा (76 किग्रा) शामिल हैं।

भटेरी, अंजू और हनी ने भी डब्ल्यूएफआई से ट्रायल में भाग लेने की अनुमति मांगी थी लेकिन महासंघ ने उनकी बात नहीं मानी।

हाल ही में गोंडा में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान वापसी करने वाली अनुभवी पहलवान गीता फोगाट के चोटिल होने की खबर है।

अंजू के लिये यह मौका गंवाना बड़ा नुकसान है जो स्टार पहलवान विनेश फोगाट के भार वर्ग में एक विकल्प के रूप में उभर रही है।

सोनम मलिक के फिट नहीं होने तथा भटेरी और प्रियंका को ट्रायल में भाग लेने से रोके जाने के बाद साक्षी मलिक के लिए 65 किग्रा में भारतीय टीम में जगह बनाने के लिये ज्यादा संघर्ष नहीं करना होगा।

डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने यहां इंदिरा गांधी स्टेडियम में चल रहे पुरुष ट्रायल्स से इतर पीटीआई से कहा, ‘‘हम पहलवानों से स्पष्टीकरण मांगेंगे कि वे राष्ट्रीय शिविर को गंभीरता से क्यों नहीं ले रहे हैं। एशियाई चैंपियनशिप जैसे टूर्नामेंट में भाग लेने का मौका चूकने से निश्चित तौर पर उन्हें सबक मिलेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे दूसरी श्रेणी के पहलवान दमदार हैं और इसलिए हमने राष्ट्रीय शिविर में अनुशासन सुनिश्चित करने के लिये यह कड़ा फैसला किया। हम अच्छे पहलवानों की संभावनाओं को खत्म नहीं करना चाहते हैं लेकिन उन्हें चीजों को हल्के से नहीं लेना चाहिए।’’

भाषा पंत नमिता

नमिता