गिल ने दोहरी जिम्मेदारी पर कहा, जब बल्लेबाजी करता हूं तो सिर्फ बल्लेबाज के रूप में सोचता हूं

गिल ने दोहरी जिम्मेदारी पर कहा, जब बल्लेबाजी करता हूं तो सिर्फ बल्लेबाज के रूप में सोचता हूं

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  • Publish Date - November 13, 2025 / 07:37 PM IST,
    Updated On - November 13, 2025 / 07:37 PM IST

कोलकाता, 13 नवंबर (भाषा) तीन प्रारूपों में खेलने और उनमें से दो में भारत का नेतृत्व करने वाले शुभमन गिल का कहना है कि वह अब भी कप्तानी और बल्लेबाजी के दोहरे दबाव में संतुलन बनाना सीख रहे हैं।

रोहित शर्मा से कप्तानी की जिम्मेदारी संभालते हुए 26 वर्षीय गिल ने अपनी पहली ही टेस्ट श्रृंखला में मिसाल कायम करते हुए शानदार बल्लेबाजी की और उनकी अगुआई में भारत की युवा टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला को 2-2 से ड्रॉ कराया।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट से पूर्व गिल ने कहा, ‘‘अपनी तैयारी में मैं मुख्य रूप से इस बात पर ध्यान केंद्रित करता हूं कि मैं एक बल्लेबाज के रूप में कैसे सफल हो सकता हूं। मैदान पर कप्तानी करते समय मैं अपनी सहज प्रवृत्ति को हावी होते देखना पसंद करता हूं। तभी मैं टीम के लिए सर्वोत्तम रणनीतिक निर्णय लेता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक सचेत प्रयास है कि जब मैं बल्लेबाजी कर रहा होता हूं तो मैं केवल एक बल्लेबाज के रूप में सोचता हूं- कप्तान के रूप में नहीं। कभी-कभी अगर आप एक कप्तान के रूप में बहुत अधिक सोचते हैं तो आप खुद पर बहुत अधिक दबाव डाल लेते हैं और छोटे जोखिम लेने से बचते हैं जो आपको ‘एक्स-फैक्टर’ देते हैं। इसी तरह मैं अपनी कप्तानी और बल्लेबाजी में संतुलन बनाता हूं।’’

इंग्लैंड दौरे पर गिल ने 10 पारियों में तीन शतक और एक दोहरे शतक की मदद से 754 रन बनाए जो किसी टेस्ट श्रृंखला में किसी भारतीय द्वारा बनाया गया दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है। उनसे आगे केवल सुनील गावस्कर हैं जिन्होंने 1971 में 774 रन बनाए थे। वह गावस्कर और यशस्वी जायसवाल (712 बनाम इंग्लैंड, 2023-24) के बाद एक श्रृंखला में 700 रन पार करने वाले तीसरे भारतीय भी बने।

टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले गिल की सीमित ओवरों के प्रारूप में फॉर्म में गिरावट आई है और उन्होंने तीन एकदिवसीय और पांच टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच की पिछली आठ पारियों में कोई अर्धशतक नहीं बनाया है।

कप्तान के रूप में गिल ने अपनी शुरुआती सीखों पर भी विचार किया जिसमें इस साल की शुरुआत में वेस्टइंडीज के खिलाफ फॉलोऑन देने का उनका फैसला भी शामिल है जिसे अब वह मानते हैं कि यह एक गलत फैसला था।

उन्होंने कहा, ‘‘पीछे मुड़कर देखें तो 80-90 ओवर गेंदबाजी करने और फॉलोऑन देने के बाद मुझे लगता है कि यह हमारे गेंदबाजों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण था। विकेट से स्पिनरों को अधिक मदद नहीं मिल रही थी और जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ा यह धीमा होता गया। कुल मिलाकर हमने एक बार में लगभग 200 ओवर क्षेत्ररक्षण किया। स्वाभाविक रूप से गेंदबाज थक गए और स्पिनरों की गति थोड़ी कम हो गई।’’

भाषा सुधीर नमिता

नमिता