पीसीबी आईपीएल की अवधि बढ़ाने के प्रस्ताव को आईसीसी बैठक में चुनौती देगा |

पीसीबी आईपीएल की अवधि बढ़ाने के प्रस्ताव को आईसीसी बैठक में चुनौती देगा

पीसीबी आईपीएल की अवधि बढ़ाने के प्रस्ताव को आईसीसी बैठक में चुनौती देगा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:36 PM IST, Published Date : June 24, 2022/3:55 pm IST

लाहौर, 24 जून (भाषा) पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने  इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए प्रस्तावित ढाई महीने की विस्तारित विंडो ( अवधि) को चुनौती देने का फैसला किया है।

  पीसीबी अध्यक्ष रमीज राजा ने कहा कि आईसीसी के अगले सम्मेलन में इस मुद्दे को उठाया जाएगा।

राजा ने शुक्रवार को यहां एक मीडिया कांफ्रेंस में कहा, ‘‘आईपीएल विंडो को बढ़ाने पर अभी तक कोई घोषणा या निर्णय नहीं हुआ है। मैं इस मुद्दे पर आईसीसी सम्मेलन में अपनी राय दूंगा।’’

उन्होंने कहा, ‘मेरी बात स्पष्ट है: अगर विश्व क्रिकेट में कोई विकास होता है, जिसका मतलब है कि हम पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में हम इसे बहुत ही जोरदार तरीके से चुनौती देंगे और आईसीसी में अपनी बात मजबूती से रखेंगे।’’

पीसीबी के फैसले को आधिकारिक रूप से चुनौती देने का फैसला बीसीसीआई सचिव जय शाह के उस बयान पर आया है जिसमें उन्होंने पीटीआई को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा था कि भारतीय बोर्ड को 2024 से 2031 तक के आईसीसी के अगले एफटीपी (भविष्य दौरा कार्यक्रम) चक्र में आईपीएल के लिए एक विस्तारित विंडो मिलेगी।

शाह ने पीटीआई से कहा था, ‘‘अगले एफटीपी चक्र से, आईपीएल के लिए ढाई महीने की आधिकारिक विंडो होगी ताकि सभी शीर्ष अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर भाग ले सकें। हमने विभिन्न बोर्डों के साथ-साथ आईसीसी के साथ भी चर्चा की है।’’

राजा ने यह भी कहा कि जहां पाकिस्तान भारत से खेलने का इच्छुक है, लेकिन दोनों पड़ोसी देशों के बीच राजनीतिक समीकरण अब भी बाधा बन रहे है।

राजा ने कहा, ‘‘मैंने एक कार्यक्रम के इतर इस पर सौरव (गांगुली) से बात की है और मैंने उनसे कहा कि वर्तमान में तीन पूर्व क्रिकेटर अपने क्रिकेट बोर्ड का नेतृत्व कर रहे हैं और अगर वे कोई फर्क नहीं ला सकते हैं तो कौन करेगा?’’

उन्होंने कहा, “गांगुली ने मुझे पिछले साल और फिर इस साल दो बार आईपीएल फाइनल में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। मेरी समझ में क्रिकेट के लिहाज से वहां जाना अच्छा था लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में हमें निमंत्रण स्वीकार करने के परिणामों पर भी सोचना होता है।’’

भाषा आनन्द पंत

पंत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)