साइ ने एनएसएफ को सशक्त किया, जिनकी विदेशी कोचों को चुनने में अब अहम भूमिका होगी

साइ ने एनएसएफ को सशक्त किया, जिनकी विदेशी कोचों को चुनने में अब अहम भूमिका होगी

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  • Publish Date - May 13, 2022 / 05:43 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:00 PM IST

नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) की अब से विदेशी कोचों की नियुक्ति में बड़ी भूमिका होगी क्योंकि भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने अब उम्मीदवारों की व्यापक समिति के जरिये जांच की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है और एक द्विपक्षीय अनुबंध प्रणाली शुरू की है।

विदेशी कोचों या विशेषज्ञों की नियुक्ति के लिये संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार एनएसएफ ट्रेनिंग एवं प्रतियोगिता के सालाना कैलेंडर (एसीटीसी) बजट से चुने हुए कोचों या विशेषज्ञों के वेतन पर 30 प्रतिशत से ज्यादा का खर्च नहीं कर सकता।

ताजा दिशानिर्देशों के अनुसार विदेशी कोच को साथ ही कम से कम पांच भारतीय कोचों को भी प्रशिक्षण देना होगा। पहले भी भारतीय कोचों की ट्रेनिंग की शर्त मौजूद थी लेकिन अब इसमें विशिष्ट संख्या जोड़ दी गयी है।

अब से एनएसएफ और कोच के बीच यह द्विपक्षीय अनुबंध होगा क्योंकि साइ ने त्रिपक्षीय अनुबंध प्रणाली खत्म कर दी है जिसमें चुने हुए कोच, नोडल खेल संस्था और महासंघ को हस्ताक्षर करने होते थे।

साइ ने पहले ही महासंघों को मौजूदा त्रिपक्षीय अनुबंध को 30 जून तक द्विपक्षीय में बदलने के लिये कह दिया है।

अब खेल महासंघ को एक चयन समिति बनानी होगी जिसमें महज एक साइ सदस्य होगा जो उम्मीदवार के चयन के लिये सारी जांच करेगा।

साइ के एक शीर्ष सूत्र (जो टॉप्स का हिस्सा है) ने कहा, ‘‘हमें इस प्रक्रिया को आसान करना था। हम खेल महासंघों को इस कदम से सशक्त भी करना चाहते थे। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस पर काफी प्रस्तुतिकरण मिले और सहमति बनी कि हमारे पास एक ऐसी प्रणाली होनी चाहिए जिसमें विदेशी कोच की नियुक्ति के लिये 10 से ज्यादा दिन का समय नहीं लगे। ’’

भारतीय बैडमिंटन संघ के सचिव संजय मिश्रा ने कहा, ‘‘यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। यह बेहतर होगा, अगर महासंघ विदेशी कोच पर फैसला करे क्योंकि उन्हें खेल के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उन्हें जरूरतों के बारे में भी पता होता है। साथ ही कोच नतीजे दें, यह सुनिश्चित करना भी एनएसएफ की जिम्मेदारी होगी। ’’

भाषा नमिता आनन्द

आनन्द