चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता से खेलों में भारत का परचम लहराया : प्रधानमंत्री मोदी |

चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता से खेलों में भारत का परचम लहराया : प्रधानमंत्री मोदी

चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता से खेलों में भारत का परचम लहराया : प्रधानमंत्री मोदी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : August 15, 2022/2:02 pm IST

नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता लाने और भाई-भतीजावाद खत्म होने का नतीजा है कि दुनिया भर में खेल के मैदानों में तिरंगा लहरा रहा है और राष्ट्रगान गाया जा रहा है।

मोदी ने कहा कि भाई भतीजावाद का नकारात्मक प्रभाव राजनीति तक ही सीमित नहीं था बल्कि एक समय खेलों में भी था ।

उन्होंने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा, ‘‘हमने पिछले दिनों खेलों में देखा। ऐसा तो नहीं था कि पहले प्रतिभाएं नहीं थीं। पहले चयन भाई-भतीजावाद से गुजरता था। वे खेल के मैदान तक तो पहुंच जाते थे, लेकिन जीत-हार से उन्हें कोई लेना-देना नहीं था।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ खिलाड़ियों को ऐसी कठिनाइयों से पूरी जिंदगी जूझना पड़ता था । अब हालात बदल गए हैं और खिलाड़ी आसमान छू रहे हैं । स्वर्ण और रजत पदक की चमक हमारे युवाओं का आत्मविश्वास बढा रही है ।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब पारदर्शिता आई, योग्यता के आधार पर खिलाड़ियों का चयन होने लगा तो आज दुनिया भर में खेल के मैदान में भारत का तिरंगा लहराता है तथा राष्ट्रगान गाया जाता है।’’

उन्होंने कहा कि भाई-भाई भतीजावाद से मुक्ति मिलती है तभी ऐसा होता है।

उन्होंने कहा ,‘‘ यह सिर्फ शुरूआत है और भारत यहां थकने या रूकने वाला नहीं है । वह दिन दूर नहीं जब हम ढेरों स्वर्ण पदक जीतेंगे ।’’

भारत ने पिछले साल तोक्यो ओलंपिक में रिकॉर्ड सात पदक जीते जिनमें एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य शामिल थे । इसके बाद हाल ही में बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में 22 स्वर्ण समेत 61 पदक जीते ।

मोदी टूर्नामेंटों से पहले और बाद में भी खिलाड़ियों से बातचीत करते आये हैं । तोक्यो ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों के बाद उन्होंने भारतीय दल की मेजबानी की ।

अपने संबोधन में मोदी ने खेल महासंघों समेत देश के सभी संस्थानों से भ्रष्टाचार और परिवारवाद खत्म करने की जरूरत पर बल दिया।

उन्होंने कहा ,‘‘ परिवारवाद का साया कई संस्थानों पर है जिससे हमारी प्रतिभाओं और राष्ट्र की क्षमता को क्षति पहुंच रही है और भ्रष्टाचार बढ रहा है । हमें संस्थाओं में, खेलों में इसे खत्म करना है । इसके खिलाफ क्रांति की शुरूआत करनी है । यह हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है । हमें पारदर्शिता चाहिये।’’

खिलाड़ियों के सहयोग और विकास में भारतीय खेल प्राधिकरण की टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना ( टॉप्स) क्रांतिकारी साबित हुई है । साइ पूरे साल खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर नजर रखता है और टॉप्स में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाती है ।

भाषा हक मोना मनीषा मोना

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