हमने रन नहीं बनाये, हार का कोई और कारण नहीं : गावस्कर

हमने रन नहीं बनाये, हार का कोई और कारण नहीं : गावस्कर

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  • Publish Date - November 8, 2021 / 01:35 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:16 PM IST

नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि भारतीय बल्लेबाजों का मजबूत टीमों के खिलाफ रन बनाने में असफल रहना टीम के टी20 विश्व कप से जल्दी बाहर होने का मुख्य कारण रहा तथा उन्होंने टीम से पावरप्ले के ओवरों में अपना रवैया बदलने का आग्रह किया।

भारत सुपर 12 के पहले दो मैचों में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से हारने के कारण सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो गया।

गावस्कर ने स्पोर्ट्स तक में कहा, ‘‘जिस तरह से पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने हमारे बल्लेबाजों पर अंकुश लगाया, उन्हें खुलकर नहीं खेलने दिया, यही मुख्य कारण था कि भारत आगे नहीं बढ़ पाया। ओस (दूसरी पारी में) बल्लेबाजी को आसान बना रही थी क्योंकि गेंद टर्न नहीं कर रही थी और स्पिनरों की गेंदें सीधी जा रही थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बाद में बल्लेबाजी करने का फायदा था लेकिन अगर आपने 180 रन बनाये होते तो गेंदबाजों को अतिरिक्त 20-30 रन बचाव के लिये मिलते। जब आप 111 (न्यूजीलैंड के खिलाफ) बना रहे हैं तो ओस मायने नहीं रखती। हमने रन नहीं बनाये और यही मुख्य कारण है, और कुछ नहीं।’’

गावस्कर टीम में आमूलचूल बदलाव के पक्ष में नहीं हैं और उन्होंने टीम से पावरप्ले के ओवरों में अपना रवैया बदलने के लिये कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि टीम में आमूलचूल बदलाव से कोई अंतर पड़ेगा। आपको अपना रवैया बदलने की जरूरत है, जैसे पावरप्ले ओवरों का लाभ उठाना जैसा कि भारत पिछले कुछ विश्व कप में नहीं कर पाया।’’

गावस्कर ने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि पहले छह ओवरों में केवल दो क्षेत्ररक्षक 30 गज के दायरे के बाहर होते है, भारत ने आईसीसी के पिछले कुछ टूर्नामेंटों में इसका फायदा नहीं उठाया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब भी भारत का सामना मजबूत टीम से हुआ जिसके पास अच्छे गेंदबाज हैं … तो वह रन नहीं बना सकता। इसमें बदलाव की जरूरत है।’’

गावस्कर ने इसके साथ ही कहा कि भारत के लचर प्रदर्शन का एक और कारण क्षेत्ररक्षण रहा।

उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा और बेहद महत्वपूर्ण, उनके पास ऐसे खिलाड़ी होने चाहिए जो क्षेत्ररक्षण में बेजोड़ हों। न्यूजीलैंड ने जिस तरह से क्षेत्ररक्षण किया, रन बचाये, कैच लिये, वह काफी महत्व रखता है।’’

भाषा

पंत

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