विश्व पैरा एथलेटिक्स: सचिन ने स्वर्ण बरकरार रखा, धरमबीर को कांसा, भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

विश्व पैरा एथलेटिक्स: सचिन ने स्वर्ण बरकरार रखा, धरमबीर को कांसा, भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

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  • Publish Date - May 22, 2024 / 07:13 PM IST,
    Updated On - May 22, 2024 / 07:13 PM IST

कोबे (जापान), 22 मई ( भाषा ) भारत के सचिन सर्जेराव खिलाड़ी ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पुरूषों के शॉटपुट एफ46 वर्ग में एशियाई रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता और भारत ने टूर्नामेंट में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी कर दिखाया।

धरमबीर ने पुरुषों के क्लब थ्रो एफ51 वर्ग में कांस्य पदक जीता जिससे भारत के पदकों की संख्या 12 पहुंच गयी जिसमें पांच स्वर्ण, चार रजत और तीन कांस्य पदक शामिल हैं। भारत इस तरह चीन (18-16-14) और ब्राजील (17-8-5) के बाद तीसरे स्थान पर बरकरार है।

इससे पहले भारत ने 2023 चरण में पेरिस में तीन स्वर्ण समेत दस पदक जीते थे ।

सचिन ने 16 . 30 मीटर का थ्रो फेंककर 16 . 21 मीटर का अपना ही रिकॉर्ड बेहतर किया जो उन्होंने पिछले साल पेरिस में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में बनाया था ।

पैरा एथलेटिक्स स्पर्धाओं में एफ46 श्रेणी उन लोगों के लिए है जिनकी एक या दोनों भुजाओं की गतिविधि मामूली रूप से प्रभावित है या जिनके हाथ-पैर नहीं हैं। इन एथलीटों को कूल्हों और पैरों की ताकत से थ्रो करना होता है ।

महाराष्ट्र के सांगली जिले के रहने वाले सचिन स्कूली दिनों में एक दुर्घटना का शिकार हो गए थे जिससे उन्होंने कोहनी की मांसपेशियां गंवा दी । कई सर्जरी के बावजूद वह ठीक नहीं हो सके ।

पुरुषों के क्लब थ्रो एफ51 फाइनल में धरमबीर ने धीरे धीरे अपने थ्रो में सुधार करते हुए 33.61 मीटर के पांचवें प्रयास से कांस्य पदक सुनिश्चित किया।

सर्बिया के जेलिजको दिमित्रिजेविच ने 34.20 मीटर के थ्रो से मीट रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता जबकि मेक्सिको के मारियो संताना हर्नांडिज ने 33.62 मीटर के सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रयास से रजत पदक जीता।

एफ51 में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनके धड़ और पैर में गंभीर विकृति होती है। इसमें प्रतिस्पर्धी बैठकर ही क्लब फेंकते हैं जिसके लिए वे अपने हाथ और कंधे की ताकत का इस्तेमाल करते हैं।

सचिन ने स्वर्ण जीतने के बाद कहा ,‘‘ मैं इसकी ही उम्मीद कर रहा था और मैं बहुत खुश हूं । मैं पेरिस पैरालम्पिक के लिये क्वालीफाई कर चुका हूं और वहां भी स्वर्ण जीतने की कोशिश करूंगा ।’’

अभी टूर्नामेंट के तीन दिन बाकी है और कोच सत्यनारायण को पदक संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ हमें दो और स्वर्ण की उम्मीद है । पदकों की संख्या 17 तक जानी चाहिये ।’’

इससे पहले कल पैरालम्पिक चैम्पियन सुमित अंतिल ने एफ64 भालाफेंक में अपना स्वर्ण पदक बरकरार रखा था । थंगावेलु मरियप्पन और एकता भयान ने भी स्वर्ण पदक जीते थे ।

भाषा नमिता सुधीर

सुधीर