पेशेवर खेल में आपको कोई उम्र संबंधी छूट नहीं मिलती: धोनी

पेशेवर खेल में आपको कोई उम्र संबंधी छूट नहीं मिलती: धोनी

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  • Publish Date - May 21, 2024 / 07:39 PM IST,
    Updated On - May 21, 2024 / 07:39 PM IST

नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) करिश्माई विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि उनके पास कड़ी मेहनत करते रहने और फिट रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि पेशेवर खेलों में किसी को उम्र संबंधी कोई छूट नहीं मिलती है।

भारत और चेन्नई सुपर किंग्स के पूर्व कप्तान 43 साल के करीब पहुंचने के बाद बावजूद फिटनेस के मामले में शानदार है। उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग के इस सत्र में छक्के मारने की क्षमता को बरकरार रखते हुए प्रभावित किया।

इस सत्र की शुरुआत में रुतुराज गायकवाड़ को चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी सौंपने वाले धोनी ने आईपीएल लीग चरण के सभी 14 मैच खेले और निचले क्रम पर अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से काफी प्रभाव छोड़ा।

विश्व कप विजेता कप्तान ने 220.55 की शानदार स्ट्राइक रेट से 161 रन बनाए। इससे कई लोगों को यह विश्वास हो गया कि वह आईपीएल में दो और साल खेल सकते हैं।

इस महान खिलाड़ी ने यह स्वीकार किया कि लीग से पहले कोई क्रिकेट खेले बिना सीधे आईपीएल आकर प्रदर्शन करना कठिन है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में धोनी ने कहा, ‘‘ सबसे मुश्किल बात यह है कि मैं पूरे साल क्रिकेट नहीं खेल रहा हूं। इसलिए मुझे फिट रहना होता है। जब यहां पहुंचता हूं तो आप उन युवाओं के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं जो फिट हैं और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं। पेशेवर खेल आसान नहीं है, कोई भी आपको उम्र के हिसाब से छूट नहीं देता।’’

धोनी ने ‘दुबई आई 103.8 यूट्यूब चैनल’ पर पोस्ट वीडियो में कहा, ‘‘ अगर आप खेलना चाहते हैं, तो आपको अन्य लोगों की तरह फिट रहना होगा।  ऐसे में खान-पान की आदतें, थोड़ा प्रशिक्षण  पर काफी ध्यान देना होता है। सोशल मीडिया का आप पर काफी असर होता है लेकिन, शुक्र है कि मैं सोशल मीडिया पर नहीं हूं, इसलिए ध्यान कम भटकता है।’’

झारखंड के इस महान क्रिकेटर के लिए खेती, बाइक चलाना और पुरानी कारों जैसी चीजें उनके लिए ‘स्ट्रेस बस्टर (तनाव कम करना)’ का काम करती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट छोड़ दिया, तो मैं अपने परिवार के साथ कुछ और समय बिताना चाहता था। मैं मानसिक रूप से सक्रिय रहने के साथ अपने जुनून पर ध्यान देना चाहता था। मुझे खेती करना पसंद है, मेरे लिए यह है मोटरबाइक, मैंने पुरानी कारों का शौक रखना शुरू कर दिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ये चीजें मुझे तनाव से मुक्त कर देती हैं। मैं जब तनाव में होता हूं तो शायद मैं गैराज जाऊंगा, वहां कुछ घंटे बिताऊंगा और मैं ठीक हो वापस जाऊंगा।’’

धोनी ने कहा, ‘‘मैं घर में एक पालतू जानवर के साथ बड़ा हुआ हूं।  मैंने हमेशा महसूस किया है कि उनके मन में आपके प्रति बिना शर्त प्यार होता है चाहे वह बिल्ली हो या कुत्ता, हालांकि मुझे कुत्ता पसंद हैं। मैंने पहले भी एक साक्षात्कार में कहा है कि अगर मैं मैच हार कर भी वापस आता हूं तो मेरा कुत्ता उसी तरह से मेरा स्वागत करता है।

सीएसके के सम्मानित कप्तान रहे धोनी ने कहा कि ‘‘हमें उन लोगों का सम्मान अर्जित करने की ज़रूरत है जिनका आप नेतृत्व कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आप किसी से सम्मान की मांग नहीं कर सकते। आपको इसे अर्जित करना होता है। मेरे पास एक संस्थान में एक पद हो सकता है, और हां, उस पद का सम्मान किया जाना चाहिए। लेकिन कुर्सी पर बैठे एक व्यक्ति के रूप में, मुझे वह सम्मान अर्जित करने की आवश्यकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत थोड़ा अलग है। लोग पेशेवर होने की बात करते हैं। हां, हम भारतीय पेशेवर हैं, लेकिन हमारा भावनात्मक जुड़ाव मजबूत है। मुझे लगता है कि एक भारतीय के रूप में, मेरी ताकत भावनात्मक जुड़ाव है। सीएसके के साथ मेरा संबंध भावनात्मक जुड़ाव है।’’

धोनी सोशल मीडिया के बहुत बड़े प्रशंसक नहीं हैं, लेकिन विवाद से बचने के लिए धोनी एक्स (ट्विटर) के बजाय इंस्टाग्राम को प्राथमिकता देंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं ट्विटर (एक्स) के मुकाबले इंस्टाग्राम को प्राथमिकता देता हूं। मेरा मानना है कि ट्विटर पर कुछ भी अच्छा नहीं हुआ है, आप जानते हैं, खासकर भारत में, हमेशा विवाद होता रहता है। कोई कुछ भी लिखेगा और यह विवाद में बदल जाता है।’’

भाषा आनन्द सुधीर

सुधीर