थर्ड फ्रंट बनकर उभर रहा बिखरी पार्टियों का कुनबा, जोगी की बढ़ी दिलचस्पी

थर्ड फ्रंट बनकर उभर रहा बिखरी पार्टियों का कुनबा, जोगी की बढ़ी दिलचस्पी

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  • Publish Date - March 7, 2018 / 10:10 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:40 PM IST

रायपुर। चुनावी साल में छत्तीसगढ़ में भी तमाम पार्टियों के समर्थन से थर्ड फ्रंट की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के सुप्रीमो अजीत जोगी ने तो थर्ड फ्रंट के लिए अपनी सहमति भी दे दी है। वहीं आम आदमी पार्टी भी थर्ड फ्रंट को समर्थन देने के मूड में है। 

 

सत्ता हासिल करने के लिए सियासी दल हर पैंतरा आज़मा रहे हैं। इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव थर्ड फ्रंट की कवायद में जुटे हैं। इसी मुहिम को छत्तीसगढ़ में क़ामयाब बनाने के लिए चंद्रशेखर राव ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सुप्रीमो अजीत जोगी से चर्चा की है। अब जोगी ने भी थर्ड फ्रंट को सहमति देते हुए कहा है, कि पूरे देश में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस कमजोर हुई है, लिहाज़ा थर्ड फ्रंट की जरुरत पड़ रही है। वहीं आम आदमी पार्टी का भी कहना है, कि वो थर्ड फ्रंट को अपना समर्थन दे सकती है। 

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छत्तीसगढ़ में बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ ही जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ भी पसीना बहा रही हैं। बसपा को साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में साढ़े चार फीसदी वोट मिले थे। आप पार्टी ने सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। वहीं गोगपा प्रत्याशी पिछले चुनाव में कई विधानसभा सीटों में दूसरे नंबर पर रहे थे। ऐसे में ये चारों पार्टियां थ्रंड फ्रंट में आ जाएं तो चुनाव परिमाण बदल सकते हैं। हालांकि भाजपा का दो टूक कहना है, कि विकास के आगे सभी फ्रंट फेल हो जाएंगे। 

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केन्द्र सरकार की ताकत और कांग्रेस की कमजोरी से थर्ड फ्रंट बनाने की चर्चा हो रही है, लेकिन बड़ा सवाल ये है, कि छत्तीसगढ़ में क्या वाकई थर्ड फ्रंट बन सकता है और अगर थर्ड फ्रंट बन भी जाए तो वो भाजपा-कांग्रेस के आगे कितना कारगर होगा..ये देखना भी दिलचस्प होगा।

 

सौरभ सिंह परिहार, IBC24, रायपुर