भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बस्तर दौरा लगातार चर्चा में है। सत्ता पक्ष इसे अपने वोट बैंक के तहत भुनाने की कोशिश में हैं तो वहीं विपक्ष इस पर दाव फेकने की कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।अपने बस्तर प्रवास के दौरान श्री मोदी ने सुदूर आदिवासी इलाके में रहने वाली रतनी बाई को अपने हाथों से चप्पल पहना कर खूब वाह वाही लूटी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने नरेंद्र मोदी को रतनी बाई के बेटे की संज्ञा तक दे डाली थी उन्होंने लिखा था प्रधानमंत्रीजी मन, वचन और कर्म से जनता के प्रधानसेवक हैं। इसका जीवित उदाहरण आज मैंने अपनी आंखों से देखा जब उन्होंने तेंदूपत्ता संग्राहक माता रतनी बाई को बडी सौम्यता के साथ एक बेटे की भाँति चरण-पादुका पहनाई।
उसी बस्तर प्रवास का आज छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के अध्य्क्ष भूपेश बघेल ने पलट वार करते हुए नरेंद्र मोदी को ओपन लेटर लिखा है।जिसमें उन्होंने लिखा है कि भोले आदिवासियों को कब तक ठगते रहेंगे रमन सिंह जी?अब बस भी कीजिए. रख लीजिए अपनी चप्पलें अपने पास, इन मज़दूरों को उनके हक़ का पूरा पैसा दे दीजिए, चप्पलें वे ख़ुद ख़रीद। भूपेश बघेल की इस प्रतिक्रिया के बाद राजनीतिक गलियारे में चर्चा तेज है।
My open letter to Narendra Modi
“इन भोले आदिवासियों को कब तक ठगते रहेंगे रमन सिंह जी?अब बस भी कीजिए. रख लीजिए अपनी चप्पलें अपने पास, इन मज़दूरों को उनके हक़ का पूरा पैसा दे दीजिए, चप्पलें वे ख़ुद ख़रीद लेंगे.”https://t.co/Fafa9C9wBp pic.twitter.com/O0gA9UD22r
— Bhupesh Baghel (@Bhupesh_Baghel) April 17, 2018
गौर करने वाली बात ये हैं कि अब कई नेता तेंदूपत्ता और बस्तर की राजनीति में डूबते नज़र आ रहे हैं। उन्हें भी समझ आ रहा है बस्तर की जनता क्या चाहती है।
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