MPV वाहन की इस बड़ी खामी की वजह से जवानों को जान देकर चुनानी पड़ी कीमत

MPV वाहन की इस बड़ी खामी की वजह से जवानों को जान देकर चुनानी पड़ी कीमत

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  • Publish Date - March 22, 2018 / 03:44 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:11 PM IST

रायपुर। एमपीवी यानि माईन प्रोटेक्टेड व्हीकल बनाने वाली रक्षा मंत्रालय की फैक्ट्रीज़, बीते दो सालों से बुलेटप्रूफ ग्लास सहित पाँच पार्ट्स ना मिलने से एमपीवी को अपग्रेड ही नहीं कर पाईं हैं. जिसका खामियाजा हमारे जवानों को उठाना पड़ रहा है. ख़ास बात ये भी है कि सुकमा हमले के वक्त जवान जिस एमपीवी में सवार थे वो सबसे सस्ती और कम सुरक्षित बेसिक मॉडल वाली एमपीवी थी. देखिए हमारी ख़ास रिपोर्ट.

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छत्तीसगढ़ के सुकमा हमले की जांच,  माईन प्रोटेक्टेड व्हीकल बनाने वाली जबलपुर में रक्षा मंत्रालय की व्हीकल फैक्ट्री भी कर रही है.. हांलांकि जांच टीम ने अभी ये साफ नहीं किया है कि सुकमा हमले में जिस एमपीवी को नक्सलियों ने उड़ा दिया वो किस फैक्ट्री में बना था. लेकिन खुद जांच टीम ने ये पा लिया है कि हमले में उड़ी एमपीवी की विस्फोट सहने की क्षमता कम थी. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल, वक्त के साथ एमपीवी का अपग्रेडेशन ना होने का है. हमारे सूत्र बताते हैं कि अगर एमपीवी के पाँच पार्ट्स अपग्रेड कर लिए जाते तो ना तो सुकमा हमले में एमपीवी के परखच्चे उड़ते और ना ही हमारे सीआरपीएफ जवानों की जान जाती.

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ये वो स्पेयर पार्ट्स जिन्हें एमपीवी में अपग्रेड नहीं किया गया था. जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री को इन तमाम एडवांस फीचर्स वाली 40 अत्याधुनिक एमपीवी बनानी हैं लेकिन फैक्ट्री के पास स्टैंडर्ड क्वालिटी के ये स्पेयर पार्ट्स ना होने से बीते 2 सालों से एमपीवी का अपग्रेडेशन पूरा नहीं हो पाया है. रक्षा मंत्रालय की वाहन निर्माणी के अधिकारी खुद मान रहे हैं कि नक्सलियों ने एमपीवी की क्षमता से कहीं ज्यादा क्षमता का विस्फोट किया लेकिन सूत्रों से ख़बर ये भी है कि सुकमा हमले में उड़ी एमपीवी सबसे कम सुरक्षित और सस्ती कीमत वाली, बेसिक मॉडल की एमपीवी थी.

 

 

वेब डेस्क, IBC24