2018 की जंग में यूथ करेगा बेड़ापार! 

2018 की जंग में यूथ करेगा बेड़ापार! 

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  • Publish Date - April 18, 2018 / 04:30 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:12 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 2018 की जंग के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों दल युवा वोटर्स पर निगाहें लगाए हुए हैं । बीजेपी ने यूथ बेस्ड कैंपेन की शुरुआत भी कर दी है. आने वाले दिनों में वो युवा सम्मेलन भी कराने वाली है..तो वहीं कांग्रेस भी युवाओं को अपने साथ लाने के लिए सोशल मीडिया में अभियान चला रही है..ज़मीनी तौर पर भी पार्टी की युवा इकाई नए वोटर्स को जोड़ने की कोशिश कर रही है. लब्बोलुआब ये कि इस बार की चुनावी जंग में युवाओं की भूमिका अहम रहने वाली है. तो दोनों ही दलों ने युवाओं को लेकर किस तरह रणनीतियों पर काम करना शुरू किया है..इस पर बात करेंगे हम…लेकिन उससे पहले देख लेते हैं ये रिपोर्ट । 

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युवा करेंगे बेड़ापार..युवा बनाएंगे नई सरकार..ये नारा नहीं..सच्चाई है..तभी तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही युवाओं को अपनी तरफ़ करने की होड़ शुरू कर दी है । छत्तीसगढ़ बीजेपी ने तो अपनी युवा ईकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा को 10 लाख युवाओं को पार्टी से जोड़ने का लक्ष्य ही दे दिया है । इतना ही नहीं. भाजयुमो के सवा लाख बूथ कार्यकर्ताओं को लोगों तक पहुंचकर सरकारी योजनाओं और उपलब्धियों का प्रचार करने का जिम्मा भी दिया गया है । ये कार्यकर्ता प्रदेश के करीब 22 हज़ार बूथों तक पहुंचेंगे । राजधानी में हुई मोर्चा, निगम और मंडलों की बैठक के बाद इसके लिए फ़रमान जारी किया गया । भारतीय जनता युवा मोर्चा जल्द ही युवा सम्मेलन भी कराने जा रहा है । ये सम्मेलन शक्ति केंद्रों और बूथों से लेकर लोकसभा स्तर तक होंगे ।एक तरफ बीजेपी ने युवाओं को जोड़ने का अभियान शुरू किया है. तो दूसरी ओर रमन सिंह ने युवाओं को लुभाने में कोई कसर बाकी नहीं रखा है । लाइवलीहुड कॉलेज की स्थापना, रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की शुरुआत के साथ 45 लाख मुफ्त मोबाइल बांटने का एलान भी युवाओं को ध्यान में रखकर किया गया है । 45 लाख में से ढाई लाख मोबाइल तो छात्रों को ही बांटे जाएंगे । 

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कांग्रेस ने भी युवा केंद्रित रणनीति पर अमल शुरू कर दिया है । इसकी एक झलक इस बार की AICC की टीम को देखकर मिल जाती है..जिसमें छत्तीसगढ़ से 49 सदस्य शामिल किए गए हैं..जिनसे से 15 युवा नेता हैं । पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का ख़ास ज़ोर युवाओं को जोड़ने पर रहता है..बीते साल जुलाई महीने में राहुल बस्तर आए थे..इस दौरान उन्होंने जगदलपुर में NSUI के युवा आदिवासी सम्म्मेलन में शिरकत की थी । 

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चुनावी जंग में सियासी दलों में ख़ास रोल अदा करते हैं युवा । एक तरफ़ युवा कार्यकर्ता बूथ से लेकर दफ्तर तक सारी ग्राउंड एक्टीविटीज को अंजाम देते हैं..तो दूसरी ओर युवा वोटर्स सबसे ज्यादा संख्या में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए पहुंचते हैं । वोटिंग के दौरान युवा मतदाता ज्यादा ओपन रहते हैं..वो ज्यादा जागरूक होते हैं और सोच-समझकर अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं । देखा ये भी गया है कि जब भी सत्ता में बदलाव की लहर आती है..तो युवा वोटर्स की उसमें अहम भूमिका होती है । छत्तीसगढ़ में युवा वोटर्स की संख्या अच्छी-ख़ासी है..मतलब ये कि सत्ता की चाबी उन्हीं के पास है । अब सवाल यही है. कि युवाओं की रिझाने की रेस में कांग्रेस और बीजेपी में से आखिर कौन सा दल बाजी मारता है? 

 

 

वेब डेस्क, IBC24