सूरजपुर। मजबूरियां जिंदगी में कैसे-कैसे दिन दिखाती हैं, इसकी बानगी छत्तीसगढ़ के सूरजपुर और मध्यप्रदेश के हटा में देखने को मिला। इन दोनों ही जगहों पर चार-बाई-चार के शौचालय में एक परिवार शिफ्ट हो गया। एक जगह बूढ़ी महिला चार साल से दो बेटों के साथ रह रही है, तो दूसरी जगह चार महीने से एक बुजुर्ग अपनी बेटी के साथ।
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छत्तीसगढ़ के सूरजपुर और मध्यप्रदेश के हटा से आई ये वो दो तस्वीरें हैं, जिन्होंने रिश्तों के साथ इंसानियत को भी शर्मिंदा किया है। साथ ही ये तस्वीरें बताती हैं कि मजबूरियां जिंदगी में कैसी त्रासदी लेकर आती हैं। ये पहली तस्वीर सूरजपुर जिले के रतनपुर गांव की हैं, जहां चार बेटों की इस बुजुर्ग मां सुल्हेर बाई को पारिवारिक झगड़े के बाद बेटों ने घर से निकाल दिया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए इस शौचालय के अनुपयोगी होने के बाद इसे सुल्हेर बाई ने अपना ठिकाना बना लिया। दो महीने से ये चार-बाई-चार के शौचालय में अपनी बेटी के साथ रहने को मजबूर थी। जब गांव की जन प्रतिनिधि को इस बात का पता चला, तो उसने बुजुर्ग मां के बेटे से बात की और सुलह कराकर उसे वापस घर भेजा।
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दूसरी तस्वीर मध्यप्रदेश के हटा की है। जहां के पटेरा इलाके के मनकी गांव में चंपा बाई नाम की ये महिला अपने दो बेटों के साथ स्कूल में बने शौचालय में रह रही है। गरीब और विधवा महिला को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता, क्योंकि उसका राशन कार्ड नहीं बना है। कोई और उपाय नहीं सूझा, तो उसने चार सालों से इस शौचालय को ही अपना ठिकाना बना रखा है। बात चाहे छ्त्तीसगढ़ की हो, या फिर मध्यप्रदेश की। सरकारी योजनाओं का दम भरने वाली सरकारें गरीबों के लिए कितना काम कर रही हैं। ये दो तस्वीरें इसका उदाहरण है।
वेब डेस्क, IBC24