अदालत ने मुम्बई पुलिस से याचिकाकर्ता को सुरक्षा देने को लेकर जानकारी मांगी

अदालत ने मुम्बई पुलिस से याचिकाकर्ता को सुरक्षा देने को लेकर जानकारी मांगी

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  • Publish Date - January 1, 2021 / 03:04 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:07 PM IST

मुम्बई, एक जनवरी (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने मुम्बई पुलिस से यह पता करने को कहा है कि शिवसेना के एक पार्षद द्वारा कथित रूप से धमकाये गये सेना के एक पूर्व कर्मी को सुरक्षा दी जानी चाहिए या नहीं।

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की पीठ ने पूर्व सैन्यकर्मी सुजीत आप्टे की अर्जी पर सुनवाई करते हुए 29 दिसंबर को यह निर्देश जारी किया।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि पार्षद आमे घोले, उनके समर्थकों और गुंडों ने उपनगरीय क्षेत्र वडाला में आप्टे की जमीन के बाहर अवैध रूप बनाये गये मंदिर को तोड़े जाने को लेकर उन्हें धमकी दी थी और उनके साथ ‘मार-पीट करने की कोशिश’ की थी।

अर्जी में आप्टे ने कहा कि उन्होंने सुरक्षा की मांग करते हुए आर ए के मार्ग थाने में आवेदन दिया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला ।

अदालत ने अतिरिक्त सरकारी वकील जे पी याज्ञनिक को पुलिस से यह पता करने को कहा कि क्या याचिकाकर्ता और उसके परिवार को पुलिस सुरक्षा जरूरी है।

याचिका में कहा गया है कि आप्टे वडाला में अपने भाई समीर आप्टे के भूखंड का संरक्षक हैं। याचिका के अनुसार यह भूखंड एक झुग्गी के पास है और वहां उसके बाहर फुटपाथ पर एक अवैध मंदिर बना दिया गया थाा जिसे बृहन्मुम्बई महानगरपालिका ने गिरा दिया।

याचिका के मुताबिक मंदिर के बाहर अवैध गतिविधियां करने वाले कुछ लोग लोग पिछले महीने के आसपास एकत्र होने लगे। इसके बाद आप्टे ने पुलिस में शिकायत की। याचिका में आरोप लगाया गया है कि 13 दिसंबर को घोले और कुछ अन्य भूखंड में घुस आए और मंदिर को गिराये जाने को लेकर उन्हें धमकी दी।

भाषा राजकुमार पवनेश

पवनेश