अदालत ने मुठभेड़ में मारे गए व्यक्ति के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए

अदालत ने मुठभेड़ में मारे गए व्यक्ति के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए

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  • Publish Date - February 25, 2021 / 08:05 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:22 PM IST

लखनऊ,25 फरवरी (भाषा) मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुशील कुमारी ने बृहस्पतिवार को गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ कन्हैया उर्फ डाक्टर के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के मामले में हजरतगंज पुलिस को प्राथमिकी दर्ज कर नियमानुसार विवेचना करने के आदेश दिये हैं।

यह आदेश अदालत ने गिरधारी के अधिवक्ता रहे सर्तजीत यादव की सीआरपीसी की धारा 156 की उपधारा 3 के तहत दाखिल अर्जी को मंजूर करते हुए पारित किया।

अदालत ने अपने आदेश में लिखा कि वादी ने पुलिस उपायुक्त संजीव सुमन व विवेचक चंद्रशेखर सिंह के खिलाफ शिकायत दी है।

अदालत ने कहा कि यह विवेचना का विषय है कि पुलिस टीम की ओर से इस मुठभेड़ में अपनी आत्मरक्षा के तहत गिरधारी की मृत्यु कारित की गयी या उनके द्वारा आत्मरक्षा की परिधि से बाहर जाकर कोई कृत्य कारित किया गया।

अदालत में अर्जी प्रस्तुत कर कहा गया था कि पुलिस अभिरक्षा के दौरान थाना विभूति खंड के प्रभारी निरीक्षक चंद्रशेखर सिंह एवं संबधित पुलिस अधिकारीगणों के द्वारा पूर्व नियोजित योजना एवं अपराधिक षडयंत्र के अतंर्गत दिनांक 14 व 15 फरवरी की रात्रि को ले जाकर हत्या कर दी गयी और हत्या के जुर्म से बचने के लिए कुछ मिथ्या लेखन करके सरकारी दस्तावेज तैयार किये गये हैं।

अदालत ने पाया कि गिरधारी के पुलिस हिरासत से भागने के बाबत दो प्राथमिकी पुलिस ने दर्ज कर रखी हैं किन्तु उसके मृत्यु कारित करने का सही कारण जानने के लिए कोई प्राथमिकी नहीं दर्ज की गयी है, जैसा कि सर्वोच्च न्यायालय का भी निर्देश है।

अदालत ने कहा, ‘सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट दिशानिर्देश हैं कि पुलिस मुठभेड़ों के मामले में एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए और पूरी घटना की जांच की जानी चाहिए।’

अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि हजरतगंज पुलिस इस मामले की जांच कानून के आधार पर करे।

गौरतलब है कि राजधानी में छह जनवरी को विभूति खंड इलाके में मोहम्मदाबाद गोहाना के अजीत सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपी शूटर गिरधारी सोमवार तड़के पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था।

भाषा सं जफर शफीक