ब्लू व्हेल के ख़तरनाक जाल ने छत्तीसगढ़ तक बना ली पैठ !

ब्लू व्हेल के ख़तरनाक जाल ने छत्तीसगढ़ तक बना ली पैठ !

  •  
  • Publish Date - September 12, 2017 / 01:26 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:13 PM IST



जशपुर। मेट्रो सिटीज के बाद “ब्लू व्हेल गेम” अब देश के रिमोट एरिया में भी फैल रहा है। ताजा मामला छत्तीसगढ़ के जशपुर का है जहां हाईस्कूल की महिला कर्मचारी को जानलेवा खेल ब्लू व्हेल गेम खेलते पकड़ा गया है। जानकारी के मुताबिक जशपुर जिले के चेटबा हाईस्कूल में सहायक ग्रेड तीन के पद पर कार्यरत महिला कर्मचारी को बगीचा एसडीएम ने “ब्लू व्हेल गेम” खेलते हुए पकड़ा। बताया जा रहा है कि महिला कर्मचारी ने गेम के नियमों के अनुसार खुद के हाथ को चोटिल किया हुआ था, इस बात पर एसडीएम को शक हुआ। महिला कर्मचारी मोना तर्की जशपुर जिले के जरिया गांव की रहने वाली है। फिलहाल मोना तिर्की को घर भेज दिया गया है और उनके मोबाइल से भी इस खतरनाक ब्लू व्हेल गेम को डिलीट कर दिया गया है।

ब्लू व्हेल गेम”- इस खतरनाक खेल का न्यौता मिले तो सतर्क हो जाइए। दुनिया भर में इस समय इस खेल से जुड़ी खबरें ट्रेंड कर रही हैं। सोशल मीडिया के कई प्लॉटफॉर्म्स ने इस खेल के खिलाफ एक वार्निंग जारी की है, इसके बावजूद जशपुर जैसी जगहों पर लोगों का इसके चक्कर में आने से ये माना जा सकता है कि इंटरनेट पर ऐसे तत्व सक्रिय हैं जो बच्चों को इस खेल में फंसा सकते हैं।


क्यों रहना चाहिए आपके बच्चे को इससे दूर

ब्लू व्हेल” एक ऐसा खेल है, जो आपके बच्चे की मौत का कारण बन सकता है, आपके परिवार को तबाह कर सकता है। इस जानलेवा खेल में 50 दिन के अलग-अलग चैलेंज दिए जाते हैं, जिसे टास्क कहा जाता है। बच्चों को लगातार टास्क मिलता है, जो उन्हें रात रात में जाग कर पूरा करना होता है। यही मास्टर अगले 50 दिनों तक यूजर को कंट्रोल करता है। हर रोज वो एक टास्क देता है। ज्यादातर टास्क ऐसे होते हैं, जिनमें खुद को नुकसान पहुंचाना होता है। गेम में 50वें दिन खेलने वाले को जान देकर विजेता बनने की बात कही जाती है। इस खेल का जाल इतना खतरनाक और शातिर तरीके से बुना जाता है कि जो बीच में छोड़ना चाहें, उन्हें बुरी तरह डरा दिया जाता है और अगर पूरा करते हैं तो आत्महत्या करनी होती है।


कैसे रखें बच्चों को इस खेल से दूर

आमतौर पर आजकल ये देखने को मिलता है कि लोग छोटे-छोटे बच्चों को मोबाइल पकड़ा देते हैं, इंटरनेट का इस्तेमाल करने देते हैं। इसके बाद उन्हें इसका ख्याल ही नहीं रहता कि बच्चे क्या कर रहे हैं? इसलिए सबसे बेहतर विकल्प यही है कि बच्चों को मोबाइल से दूर रखें और दें भी तो अपने सामने ही इस्तेमाल करने दें ताकि नज़र रख सकें। बच्चों की आदतों में आने वाले बदलावों पर हमेशा ध्यान देते रहें और जैसे ही कोई शक हो, सतर्क हो जाएं।