मध्यप्रदेश की साइबर सेल को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने दो ऐसे शातिर अपराधियों को पकड़ा है जो महज 500 रुपए में भारतीय बैंक अकाउंट होल्डर के डेबिट, क्रेडिट कार्ड, फोन नंबर, ईमेल आईडी ऑनलाइन बेच रहे थे.
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मास्टरमाइंड लाहौर में बैठकर इस गैंग को ऑपरेट कर रहा था, जबकि पैसों का लेन-देन बिटक्वाइन के जरिए होता था. आरोपियों को मुंबई से गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के एक कार्ड की डिटेल से पता चला है कि शातिर बदमाशों ने 15 से 20 लाख रुपए की खरीदी की हैं.
ऐसे हुआ खुलासा
एक बैंक अधिकारी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 28 अगस्त को उसके क्रेडिट कार्ड से अचानक 72,401 रुपए डेबिट हो गए हैं। बिना किसी देरी के पुलिस ने यह मामला साइबर सेल को दिया जिसके बाद यह खुलासा हुआ।
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एसपी ने बताया की मुंबई के रहने वाले दोनों आरोपी पाकिस्तानी नागरिक शैख अफज़ल द्वारा चलाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय साइबर क्रीमिनल्स गैंग से जुड़े हुए थे।जांच में सामने आया कि कार्ड डिटेल से ऑनलाइन शॉपिंग और एयर टिकट खरीदे गए हैं. अपराध रजिस्टर्ड करने के बाद पुलिस ने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और
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गिरोह की मुख्य कड़ी है रामप्रशाद नाडर जो मूल रुप से तमिलनाडु का रहने वाला है. वह बीकॉम और एमबीए करने के बाद मुंबई आ गया और एक साल तक एचडीएफसी बैंक में नौकरी की. यहीं पर उसको पता चला कि अगर किसी ग्राहक का डेबिट कार्ड व क्रेडिट कार्ड से विदेशों में रुपए निकल जाते हैं बैंक उनका रुपया 14 दिनों बाद लौटा देता है.
वेब डेस्क, IBC24