स्वच्छ तन और मन के साथ आगे बढ़ने की सोच विकसित करें – कलेक्टर

 स्वच्छ तन और मन के साथ आगे बढ़ने की सोच विकसित करें - कलेक्टर

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  • Publish Date - March 27, 2018 / 02:05 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:52 PM IST

अम्बिकापुर – राज्य व्यापी किशोरी स्वास्थ्य एवं माहवारी स्वच्छता जागरूकता अभियान के तहत आज शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अम्बिकापुर में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से  एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर उपस्थित किशोरियों को ‘‘एहसास कॉमिक्स‘‘ का वितरण भी किया गया।कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कहा कि समाज में अपनी गौरवमयी पहचान स्थापित करने के लिए महिलाओं का शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहकर आगे बढ़ने की सोच विकसित करनी होगी।

 

 

 

 उन्होंने कहा कि जीवन में कुछ करना है इस बारे में सोचना जरूरी है,सोच होगी तो रास्ता अपने आप बनेगी। किशोरियां भविष्य की शक्ति हैं तथा उन पर आगे की पीढ़ी तैयार करने की जिम्मेदारियां हैं। किशोरियों को इन चुनौतियों का सामना करने के लिए शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत होना जरूरी है। जीवन में आगे बढ़ने के लिए सकारात्मक सोच विकसित करें तथा उस सोच को साकार करने की दिशा में जरूरी कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि सरगुजा जिले की बच्चियां भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं तथा वे अपनी सोच को आगे रखते हुए बुलंदियों पर पहुंचेगी। कलेक्टर ने कहा कि पीरिएड्स के बारे में किसी प्रकार की संकोच न करें तथा इस पर बेझिझक बातें करें। उन्होंने कहा कि शहर के बड़े स्कूलों में अगले दो तीन दिन में सेनेटरी वेन्डिंग मशीन तथा एक्सटिंग्यूसर मशीन स्थापित की जाएगी, जिससे किशोरियों को आसानी से सेनेटरी नेपकीन उपलब्ध हो सकेगी।

 

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कलेक्टर ने कहा कि कक्षा छठवीं से बारहवीं तक की बालिकाओं को निःशुल्क आई.एफ.ए. टेबलेट (आयरन फोलिक एसिड) का वितरण नियमित रूप से कराएं साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग सुपरवाइजरों द्वारा नियमित काउंसलिंग की व्यवस्था भी कराएं, ताकि बालिकाओं को शारीरिक परिवर्तन के बारे में पर्याप्त जानकारी मिल सके। जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नम्रता गांधी ने कहा कि अनेक परिवारों में आज भी पीरिएड्स को शर्मनाक मानते हुए  छिपाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक प्राकृतिक, शारीरिक परिवर्तन है जो हमें अपनी स्वच्छता के प्रति जागरूक होने का एहसास कराती है। उन्होंने कहा कि यह किसी भी प्रकार से शर्म करने वाली बात नही है, बल्कि इसे प्राकृतिक परिवर्तन के तौर पर देखा जाना चाहिए और इस पर खुलकर चर्चा की जानी चाहिए। सहायक कलेक्टर डॉ. नितिन गौड़ ने कहा कि किशोरी अवस्था शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तन का दौर होता है। इस अवस्था में साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना जरूरी है तथा माता-पिता को भी बेझिझक बताएं। कार्यक्रम में प्रोजेक्टर के माध्यम से किशोरियों की स्वच्छता पर आधारित एनिमेशन फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

 

 

वेब टीम IBC24