अनुपूरक बजट, सीएम भूपेश ने विपक्ष को दिलाई उनके कार्यकाल की याद, कौशिक ने कहा- किसानों को सब्जबाग दिखाया गया

अनुपूरक बजट, सीएम भूपेश ने विपक्ष को दिलाई उनके कार्यकाल की याद, कौशिक ने कहा- किसानों को सब्जबाग दिखाया गया

  •  
  • Publish Date - January 8, 2019 / 01:51 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:51 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्ष को उनके कार्यकाल की बातें कहते हुए घेरा। उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष के सदस्यों की बात गंभीरता से सुन रहा था, मुझे लगा था कुछ पश्चाताप में होंगे, लेकिन इनके तेवर वैसे ही है। डॉ रमन सिंह उसी तेवर में बात कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तो हमने आपकी फाइल खोली है, बहुत धूल जमी है। थोड़ी सी धूल हटाई है, और खूब चीख-पुकार शुरू हो गई है। हम कोई जुमलेबाज नहीं है, जुमलेबाजी आपके नेता करते हैं। हम किसानों, गरीबों के लिए काम करने आए हैं। खदानों की स्टाम्प ड्यूटी माफ करने नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि आप 20 दिनों में मुझसे शराबबंदी के बारे में पूछ रहे हैं, लेकिन इसी विधानसभा में 1500 करोड़ रुपए के कमीशनखोरी की बात हो रही थी।

बघेल ने कहा कि शराबबंदी को लेकर आपने कमेटी बनाई, अध्ययन दल भेजा और क्या रिपोर्ट आई कि काउंटर बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि हम शराबबंदी करेंगे, सबको विश्वास में लेकर, जनजागरण करके। अभी दुकानों में मिल रहा है, ऐसा नहीं चाहते कि घर-घर बिके। उन्होंने कहा कि तृतीय अनुपूरक बजट मिलाकर हम एक लाख करोड़ से ऊपर के बजट पर गए हैं। हम आज एक लाख करोड़ रुपए के बजट वाले राज्यों की सूची में शुमार हो गए हैं।

भूपेश ने कहा कि यह बजट जन घोषणा पत्र पूरा करने की दिशा में एक अहम कदम है। बजट 1 लाख 5 हजार 170 करोड़ का हो गया है। मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद किसानों का धान 2500 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदने के निर्णय लिया है। आपने 2100 रुपए में एक पाव धान नहीं खरीदा। हम 2500 रूपये प्रति क्विंटल में धान खरीदने वाली देश मे पहली सरकार हैं। हमने कहा था कि सरकार बनने के दस दिनों के भीतर ऋणमाफी करेंगे। हमने जैसा कहा, वैसा किया है हमने दस दिनों के भीतर कर्जमाफी की।

चर्चा के दौरान इससे पहले नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि किसानों को बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाए गए। लेकिन इस अनुपूरक बजट में कहीं ये नजर नहीं आ रहा है, जिसकी उम्मीद थी। कर्जमाफी में केवल ग्रामीण और सहकारी बैंकों के किसानों को ही फायदा हो रहा है। क्या राष्ट्रीकृत बैंक से कर्ज लेने वाले किसानों को सरकार किसान नहीं मानती।

उन्होंने कहा कि कृषि से संबंधित कितने प्रकार के कर्ज किसानों ने लिए है, क्या ये अनुमान सरकार ने लगाया है। छत्तीसगढ़ के कुल किसानों के ऊपर कितना कर्ज है, यह स्पष्ट होना चाहिए। कौशिक ने कहा कि यह ऊंट के मुंह में जीरा जैसा है। सोसाइटियों में धान जाम पड़ा हुआ है। बोआई नहीं हो रही, किसान परेशान है, अधिकारियों के चक्कर लगाने पर मजबूर हैं। पिछले दिनों बारिश हुई थी, किसानों की फसल खराब हुई। लेकिन किसी अधिकारी ने किसानों के पास जाकर उसकी क्षति का आकलन नहीं किया। दो सालों के रिक्त बोनस देने के बात कही गई थी, यदि दो सालों का बोनस दिया जाएगा तो 4200 करोड़ हो जाएगा, लेकिन इसका जिक्र अनुपूरक बजट में नहीं है।

यह भी पढ़ें : नीलवाया एम्बुश में शामिल 3 नक्सली गिरफ्तार, डीडी न्यूज़ के कैमरापर्सन की हुई थी मौत 

उन्होंने कहा कि आपने घोषणा पत्र में बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा किसानों का कर्जा माफ, ये नहीं बताया कि अल्पकालीन ही माफ करेंगे। पूरे किसानों का कर्ज माफ और बिजली बिल हाफ का सदन में ऐलान करें। सदन में मुख्यमंत्री के संबोधन के बाद विपक्ष ने सभी किसानों का कर्ज माफ करने की मांग उठाकर सदन में नारेबाजी की और वाकआउट कर दिया।