रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपने चार स्तरीय मांगों को लेकर आज एक दिनी सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल पर हैं। फेडरेशन अपनी मांगों के प्रति सरकार का रवैया सकारात्मक नहीं होने का आरोप लगाते हड़ताल का रूख अख्तियार किया है।
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इससे पहले अधिकारी फेडरेशन ने 9 मई 2018 को अपने चार स्तरीय पदोन्नति वेतनमान, वेतन विसंगति, सहित अनेक मुद्दों पर किसी प्रकार की सकारात्मक पहल नहीं होने के कारण आज एक दिनी सांकेतिक हड़ताल पर हैं।
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फेडरेशन के अधिकारियों ने बताया कि सरकार को 2013 के चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वायदों को पूरा कराने ये सांकेतिक हड़ताल किया जा रहा है। आपको बतादें 2013 विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र मे कई वायदे किए थे जिन्हें आज तक पूरा नहीं किया गया है। फेडरेशन का आरोप है सरकार का रवैया हमारी मांगों को लेकर सकारात्मक नहीं रहा है। इन्हीं वायदों को पूरा कराने कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने मोर्चा खोल दिया है।
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इससे पहले फेडरेशन ने अपनी 12 जून की प्रस्तावित हड़ताल को विकास यात्रा को देखते हुए स्थगित किया गया था। फेडरेशन ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वो आगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
फेडरेशन की ये है मांग-
1. भाजपा के विधान सभा चुनाव 2013 के संकल्प पत्र /चुनावी घोषणा पत्र मे किये गये कर्मचारी हितैषी वादों को पूरा करने जिनमें चार स्तरीय पदोन्नति वेतनमान, लिपिकों सहित समस्त संवर्ग की वेतन विसंगति दूर करने , पूर्ण पेंशन की पात्रता के लिए 33 वर्ष की जगह 25 वर्ष करने सहित बहुत से वादे शमिल हैं।
2. सातवें वेतनमान का ऐरियर्स प्रदान करते हुए गृह भाड़ा भत्ता सहित समस्त भत्तों को 1 जनवरी 2016 से दिया जावे ”
3 प्रदेश के समस्त निगम मंडल के साथ साथ समस्त पेंशनरों को भी सातवे वेतनमान का लाभ 01 जनवरी 2016 से देने।
4 संविदा कर्मचारियों , अनियमित और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को पूर्व की भांति नियमित करने किया जाये ।
5 प्रदेश के कर्मचारियों तथा पेंशनरों को केन्द्रीय दर पर महंगाई भत्ता देने
6 राज्य परामर्शदात्री समिति की नियमित बैठक हर तीन माह में आयोजित करवाने ।
7 लंबित DA की किश्त का अविलंब नगद भुगतान करने
8 नये रायपुर मे बसने के इच्छुक अधिकारियों , कर्मचारियों को सस्ती दरो पर विकसित भूखंड उपलब्ध कराने
9 विभिन्न संगठनो की मान्यता संबंधी लंबित मामले का निराकरण कराने। प्रांतीय पदाधिकारियों को पूर्व की भांति मंत्रालय पास जारी कराने जैसे मुद्दे शमिल हैं ।
वेब डेस्क, IBC24