किसान आंदोलन: राउत ने दानवे के बयान को बताया हास्यास्पद, राकांपा ने भी निशाना साधा

किसान आंदोलन: राउत ने दानवे के बयान को बताया हास्यास्पद, राकांपा ने भी निशाना साधा

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  • Publish Date - December 10, 2020 / 01:14 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:43 PM IST

मुंबई, 10 दिसंबर (भाषा) शिवसेना सांसद संजय राउत ने किसानों के प्रदर्शन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ होने के केन्द्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे के दावे को हास्यास्पद बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि अगर यह सच है तो केन्द्र सरकार को पड़ोसी देशों को सबक सिखाना चाहिये।

राकांपा ने भी इस बयान के लिये दानवे पर निशाना साधते हुए उनसे इस्तीफा देने की मांग की।

नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हजारों किसान 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इससे उनकी आमदनी सुनिश्चित करने वाली न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी।

सरकार ने इन कानूनों का बचाव करते हुए कहा है कि इससे आने वाले वक्त में किसानों को फायदा होगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी।

केन्द्रीय मंत्री दानवे ने बुधवार को दावा किया कि किसानों के प्रदर्शन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है।

राउत ने यहां पत्रकारों से कहा कि केन्द्र सरकार को यह तय करना चाहिये कि वह नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध का जल्द समाधान निकालना चाहती है या नहीं।

राउत ने दानवे के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”शिवसेना ने केन्द्रीय मंत्री के इस बयान को गंभीरता से लिया है…अब, यह केन्द्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह दोनों पड़ोसी देशों को सबक सिखाए। ”

उन्होंने कहा कि शिवसेना इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाने के लिये दानवे का ”आभारी” है।

महाराष्ट्र के मंत्री तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने एक वीडियो संदेश में केन्द्रीय मंत्री के बयान पर निशाना साधते हुए कहा, ”सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिये कि यह उसका रुख है या दानवे साहब का।”

उन्होंने पूछा, ”अगर यह मोदी सरकार का रुख है तो फिर नरेन्द्र सिंह तोमर जी (केन्द्रीय कृषि मंत्री) किसानों के साथ बैठकें क्यों कर रहे हैं? (केन्द्रीय गृह मंत्री) अमित शाह जी उनके साथ मुलाकात और चर्चाएं क्यों कर रहे हैं?”

मलिक ने कहा कि दानवे ने जो कहा, अगर वह सरकार का रुख नहीं है तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिये।

भाषा

जोहेब उमा

उमा