भोपाल में कोचिंग की छात्रा से गैंगरेप मामले में आखिरकार वही हुआ जिसकी आशंका थी. पुलिस मुख्यालय ने अपने अधीनस्थ पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों को बड़ी ही चतुराई के साथ बचा लिया है. अब ये साफ हो गया है कि छात्रा की रिपोर्ट लिखने में देरी करने वाले और मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज नहीं होगी.
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ताज्जुब इस बात का है कि पुलिस कर्मियों की लापरवाही की जांच के लिए गठित SIT ने अपनी जांच में ये तो पाया कि 6 पुलिसकर्मियों ने लापरवाही की. इन्हें दोषी भी पाया गया लेकिन PHQ ने सिर्फ कारण बताओ नोटिस और संयुक्त विभागीय जांच के ही आदेश दिए हैं. बता दें कि PHQ ने तत्कालीन एमपी नगर CSP कुलवंत सिंह को कारण बताओ नोटिस थमाया है.
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वहीं एमपी नगर के तत्कालीन टीआई संजय सिंह बैस, तत्कालीन हबीबगंज टीआई रवीन्द्र यादव, तत्कालीन हबीबगंज GRP टीआई मोहित सक्सेना के साथ 2 सब इंस्पेक्टर के खिलाफ संयुक्त विभागीय जांच के आदेश दिए हैं.. साथ ही, आरोप पत्र भी जारी किया है। लेकिन अब इस SIT जांच पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं.
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दरअसल गैंगरेप की घटना के बाद लेटलतीफी पर कई और अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हुए थे. जिनमें हबीबगंज GRP के ASP धर्मेंद्र सिंह , एएसपी जोन-1 धर्मवीर यादव, एमपी नगर ASP हितेश चौधरी, हबीबगंज CSP भूपेंद्र सिंह समेत तत्कालीन SP रेल अनीता मालवीय की भूमिका भी सवालों के घेरे में थी.. लेकिन SIT ने इन लोगों के खिलाफ जांच तक नहीं की।
वेब डेस्क, IBC24