औरंगाबाद (महाराष्ट्र), 25 जून (भाषा) महाराष्ट्र के औरंगाबाद में चार लोगों ने मिलकर ऐसे देशी पेड़ों के पौधों की एक नर्सरी स्थापित की है जो राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र से धीरे-धीरे लुप्त हो रहे हैं और जिन्हें संरक्षित करने की जरूरत है।
यह नर्सरी शिक्षक मिलिंद गिरधारी, सरकारी कर्मचारी रोहित ठाकुर, व्यवसाइयों प्रशांत मालोदे और प्रवीण मोगरे ने स्थापित की है। उनके मन में यह विचार एक साल पहले आया था जब वे दक्षिण औरंगाबाद में सतारा की पहाड़ियों पर वृक्षारोपण कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि स्वदेशी किस्मों के पेड़ों के पौधों की लगातार आपूर्ति की जरूरत को महसूस करते हुए यह नर्सरी स्थापित की गई थी। उन्होंने कहा कि कई प्रजातियां अब मराठवाड़ा में दुर्लभ हो रही हैं और ऐसी प्रजातियों पर जोर दिया जा रहा है।
ठाकुर ने कहा, ‘‘चूंकि जंगल से बीज एकत्र करने की अनुमति नहीं है, इसलिए हमने राज्य के विभिन्न हिस्सों में गैर-वन क्षेत्रों और सड़कों के पास से बीज एकत्र करने के लिए लोगों से संपर्क किया। ’’
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन से इन पौधों के लिए जमीन का एक टुकड़ा मांगा जाएगा और बाद पौधे लोगों में वितरित कर दिए जाएंगे।
भाषा अविनाश मनीषा
मनीषा
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