गोवा जा रही राजधानी एक्सप्रेस महाराष्ट्र में सुरंग के भीतर पटरी से उतरी, सभी यात्री सुरक्षित

गोवा जा रही राजधानी एक्सप्रेस महाराष्ट्र में सुरंग के भीतर पटरी से उतरी, सभी यात्री सुरक्षित

गोवा जा रही राजधानी एक्सप्रेस महाराष्ट्र में सुरंग के भीतर पटरी से उतरी, सभी यात्री सुरक्षित
Modified Date: November 29, 2022 / 08:39 pm IST
Published Date: June 26, 2021 12:40 pm IST

मुंबई, 26 जून (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन से गोवा के मडगांव जा रही राजधानी एक्सप्रेस महाराष्ट्र जिले के रत्नागिरी जिले में एक सुरंग में शनिवार तड़के पटरी से उतर गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि ट्रेन में 309 यात्री सवार थे और वे सभी सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि ट्रेन संख्या 02414 मडगांव जा रही थी कि इसी दौरान ट्रेन तड़के करीब सवा चार बजे मुंबई से करीब 325 किलोमीटर दूर करबुडे सुरंग में पटरी से उतर गई। उन्होंने बताया कि एक बड़ा पत्थर पटरियों पर गिर गया था, जिसके कारण ट्रेन पटरी से उतरी।

उन्होंने कहा, ‘‘कोंकण रेलवे के रत्नागिरी क्षेत्र में उक्षी और भोके स्टेशन के बीच स्थित करबुडे सुरंग में राजधानी सुपरफास्ट ट्रेन के लोकोमोटिव का अगला पहिया पटरी से उतर गया।’’

 ⁠

दुर्घटनास्थल पर एक रेल रखरखाव वाहन (आरएमवी) पहुंचा और ट्रेन को फिर से पटरी पर लाने के उपकरण के साथ एक दुर्घटना राहत चिकित्सा वैन (एआरएमवी) रत्नागिरी से दुर्घटनास्थल के लिए रवाना हुई थी।

अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण मार्ग पर रेलवे यातायात प्रभावित हुआ लेकिन कुछ घंटों के बाद इसे बहाल कर दिया गया।

कोंकण रेलवे ने एक बयान में कहा, ‘‘ट्रेन से 309 लोग यात्रा कर रहे थे।’’ इसमें कहा गया है कि पटरी से उतरी ट्रेन की मरम्मत का काम पूरा हो गया है और सुबह 8.18 बजे ट्रैक फिट प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। एक्सप्रेस ट्रेन ने सुबह 9.14 बजे मडगांव की ओर अपनी यात्रा फिर से शुरू की।

बयान में कहा गया है, ‘‘कोंकण रेल मार्ग पर सुबह 10.27 बजे यातायात बहाल किया गया।’’

मुंबई (महाराष्ट्र) के पास रोहा और मैंगलोर (कर्नाटक) के पास थोकुर के बीच 756 किलोमीटर लंबे मार्ग पर रेल संचालन की जिम्मेदारी कोंकण रेलवे संभालती है। यह मार्ग तीन राज्यों – महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक में फैला हुआ है और इस मार्ग में कई नदियां, घाटियां और पहाड़ पड़ते हैं, जिसके कारण यह चुनौतीपूर्ण इलाकों में से एक है।

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव


लेखक के बारे में