उच्च न्यायालय ने पारसी समुदाय को सामुदायिक प्रार्थना स्थल पर प्रार्थना की अनुमति दी
उच्च न्यायालय ने पारसी समुदाय को सामुदायिक प्रार्थना स्थल पर प्रार्थना की अनुमति दी
मुंबई, दो सितंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को मुंबई में रहने वाले पारसी समुदाय को डूंगरवाड़ी स्थित ‘टावर ऑफ साइलेंस’ में बृहस्पतिवार को फरवादियान की प्रार्थना करने की अनुमति दे दी। इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने इसकी अनुमति देने से मना कर दिया था।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इसे अपवाद माना जाना चाहिए और किसी अन्य धार्मिक कार्यक्रम या प्रार्थना की अनुमति मांगने के लिए इसे नजीर के तौर पर इस्तेमाल नहीं कर सकते।
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न्यायमूर्ति आरडी धानुका और न्यायमूर्ति एमजे जामदार ने इस शर्त पर अनुमति दी कि कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के मद्देनजर परिसर में 10 साल से कम और 65 से अधिक उम्र का कोई भी श्रद्धालु मौजूद नहीं रहेगा।
पीठ ने प्रार्थना में शामिल होने वाले के लिए मास्क, सेनिटाइजर का इस्तेमाल और कोविड-19 के मद्देनजर केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा पिछले महीने जारी मानक परिचालन प्रक्रिया(एसओपी) के अनुपालन को अनिवार्य बनाया है।
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आदेश के मुताबिक प्रार्थना सुबह सात बजे से दोपहर चार बजकर 30 मिनट तक होगी और 200 से अधिक लोगों को शामिल होने की अनुमति नहीं होगी। एक समय में 30 से अधिक लोगों को परिसर में रूकने की अनुमति नहीं होगी।
उच्च न्यायालय ने प्रार्थना करने की अनुमति राज्य सरकार द्वारा बंबई पारसी पंचायत को इसकी अनुमति नहीं दिए जाने के बाद दी।

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