शिक्षा,स्वास्थ्य और रोजगार तीनों मोर्चों पर फेल है बिलाईगढ़

शिक्षा,स्वास्थ्य और रोजगार तीनों मोर्चों पर फेल है बिलाईगढ़

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  • Publish Date - June 29, 2018 / 11:23 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:59 PM IST

जनता मांगे हिसाब के सफर की शुरुआत करते हैं छत्तीसगढ़ की बिलाईगढ़ विधानसभा से..मुद्दों और सियासी बिसात के पहले एक नजर विधानसभा की प्रोफाइल पर…

बलौदाबाजार जिले में आती है विधानसभा सीट

विधानसभा में 3 नगर पंचायत शामिल

कुल मतदाता-2 लाख 69 हजार 176

पुरुष मतदाता-1 लाख 36 हजार 600

महिला मतदाता-1 लाख 32 हजार 536

वर्तमान में विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा

सनम जांगड़े हैं बीजेपी विधायक

सियासत

बिलाईगढ़ विधानसभा सीट ना तो बीजेपी का गढ़ रही है और ना ही कांग्रेस की…क्योंकि कभी इस सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की तो कभी बीजेपी ने जीत का परचम लहराया…अब चुनाव नजदीक हैं तो एक बार फिर सियासी बिसात बिछना शुरु हो गई है । 

2008 में कांग्रेस की जीत तो 2013 में बीजेपी का कब्जा ऐसी सियासी तस्वीर है बिलाईगढ़ विधानसभा की…बीते चुनाव में बीजेपी के सनम जांगड़े ने कांग्रेस के शिव डहरिया को शिकस्त दी.. अब फिर चुनाव की रणभेरी बजने वाली है तो बीजेपी अपनी जीत बरकारर रखने की रणनीतियां बनाने में जुट गई है तो वहीं कांग्रेस वापसी की कोशिश में है…इसके साथ ही विधायक की टिकट की रेस भी शुरु हो गई है..बात बीजेपी की करें तो वर्तमान विधायक सनम जांगड़े प्रबल दावेदार हैं…तो वहीं हेमचंद जांगड़े और कुलदीप जांगड़े भी दावेदार हैं..कांग्रेस में भी दावेदारों की लंबी लाइन है..जिसमें सबसे आगे हैं शिव डहरिया..इसके अलावा कविता प्राण लहरे,चंद्र देव राय,किशोर निराला और रवि भारद्वाज भी दावेदार हैं..बीजेपी-कांग्रेस की तरह ही JCCJ में भी दावेदारों की लिस्ट लंबी है…जिसमें सबसे पहला नाम है डॉ हरिदास भारद्वाज का..इसके अलावा सेवक दास महिलांगे,बसंत आडिल ,रेशम कुर्रे और चित्ररेखा निराला भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं ।

मुद्दे

बिलाईगढ़ विधानसभा में विकास का पहिया थमा नजर आता है…शिक्षा,स्वास्थ्य और रोजगार तीनों मोर्चों पर फेल है बिलाईगढ़…पेयजल जैसी एक नहीं कई समस्याओं से दो-चार हो रही है जनता।

शहीद वीर नारायण सिंह और गुरु घासीदास की जन्म स्थली के लिए जानी जाती है बिलाईगढ़ विधानसभा…बिलाईगढ़ में वो सबकुछ है जो इसे विकास के नक्शे पर जगह दिला सके लेकिन ऐसा हुआ नहीं..आज भी विकास की दौड़ में पीछे छूटा नजर आता है ये इलाका…हालत ये की बुनियादी सुविधाओं तक के लिए तरस रहे हैं लोग..सड़कों की हालत भी खराब है तो वहीं कई गांवों में रोड कनेक्टिविटी नहीं हैं…टुंड्रा में बस स्टैंड तो बना लेकिन बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है..स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा भी बदहाल है..टुंड्रा में कन्या विद्यालय की मांग सालों से की जाती रही है लेकिन पूरी नहीं हो सकी..तो वहीं कॉलेज की मांग भी अधूरी है..स्वास्थ्य सुविधाओं की भी हालत खराब है..अस्पतालों में संसाधनों और डॉक्टरों की कमी से मरीज बड़े शहर जाने को मजबूर हैं..रेल कनेक्टिविटी से भी अब तक नहीं जुड़ पाया है बिलाईगढ़…इसके अलावा अवैध पत्थर खदानों पर भी लगाम नहीं लग पा रही है…बेरोजगारी भी एक बड़ी समस्या है क्योंकि रोजगार के साधन हैं नहीं नतीजा पलायन को मजबूर हैं लोग ।

 

 

वेब डेस्क, IBC24