महाराष्ट्र सरकार ने चंद्रपुर में शराब बंदी के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए समिति गठित की

महाराष्ट्र सरकार ने चंद्रपुर में शराब बंदी के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए समिति गठित की

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  • Publish Date - January 14, 2021 / 05:07 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:49 PM IST

चंद्रपुर, 14 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने चंद्रपुर जिले में शराब बंदी के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक 13-सदस्यीय उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है।

पिछली भाजपा नीत राज्य सरकार ने एक अप्रैल 2015 को चंद्रपुर में शराब की बिक्री और उपभोग पर प्रतिबंध लगा दिया था।

पिछले साल जून में, राज्य के राहत और पुनर्वास मंत्री विजय वाडेतिवार, जो चंद्रपुर के प्रभारी मंत्री भी हैं, ने कहा था कि वह कोविड-19 महामारी समाप्त होने पर चंद्रपुर में शराब बंदी को हटाने के पक्ष में हैं।

मंगलवार को जारी एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, चंद्रपुर में शराब बंदी के पहले और बाद के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव पर एक सर्वेक्षण करने के लिए पूर्व प्रधान सचिव रामनाथ झा की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।

अधिसूचना में कहा गया है कि समिति चंद्रपुर जिले में शराब पर प्रतिबंध के बारे में जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और विभिन्न संगठनों से भी राय लेगी।

समिति के अन्य सदस्यों में चंद्रपुर के पुलिस अधीक्षक, सिविल सर्जन, महिला एवं बाल कल्याण और सामाजिक कल्याण अधिकारियों के साथ ही कुछ वकील, शिक्षाविद और आबकारी विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं।

इससे पहले पिछले साल फरवरी में, वाडेतिवार ने चंद्रपुर में शराब बंदी के फायदों और नुकसान का अध्ययन करने के लिए जिला-स्तर पर नौ सदस्यीय समिति का गठन किया था।

समिति की रिपोर्ट सितंबर में राज्य सरकार को सौंपी गई थी।

वाडेतिवार ने पिछले साल जून में दावा किया था कि जिले में तस्करी किए जा रहे अवैध शराब के सेवन के कारण किडनी में संक्रमण और कैंसर के मामलों की संख्या बढ़ गई है।

राज्य के वर्धा और गढ़चिरौली जिलों में भी शराब पर प्रतिबंध है।

भाषा कृष्ण नरेश

नरेश