ब्लैक फंगस के मरीजों में कोरोना वायरस के लक्षणहीन संक्रमितों की संख्या बढ़ी

ब्लैक फंगस के मरीजों में कोरोना वायरस के लक्षणहीन संक्रमितों की संख्या बढ़ी

  •  
  • Publish Date - June 17, 2021 / 10:54 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:48 PM IST

इंदौर (मध्य प्रदेश), 17 जून (भाषा) ब्लैक फंगस संक्रमण (म्यूकर माइकोसिस) के बढ़ते मामलों के बीच यहां बृहस्पतिवार को एक आला अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 के बाद की जटिलताओं से जुड़ी इस बीमारी के नये मरीजों में 25 से 30 प्रतिशत ऐसे लोग शामिल हैं जिनका महामारी का कोई रिकॉर्ड नहीं है।

शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘हमें ब्लैक फंगस के 25 से 30 प्रतिशत नये मरीज ऐसे मिल रहे हैं जिन्हें कोविड-19 होने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। पहले ऐसे मरीजों का अनुपात कम था।’

उन्होंने हालांकि कहा कि इनमें से ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो कोविड-19 की जद में आए तो होंगे, पर उनमें महामारी के लक्षण नहीं होने के चलते उन्हें अपने संक्रमित होने के बारे में पता ही नहीं चला होगा। दीक्षित ने बताया, ‘हमारे अध्ययन के मुताबिक अगर 100 व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित होते हैं, तो इनमें से 30 से 40 लोगों में इस महामारी के लक्षण नहीं होते।’

उन्होंने कहा कि महामारी के लक्षणहीन मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है जिससे उन्हें ब्लैक फंगस संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

दीक्षित ने बताया कि शहर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में पिछले दो महीने के दौरान ब्लैक फंगस के 592 मरीज भर्ती हो चुके हैं। इनमें से 47 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 294 लोगों का इलाज जारी है। अन्य 251 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।

एमवायएच, राज्य में ब्लैक फंगस का इलाज करने वाला सबसे व्यस्त अस्पताल है जहां इंदौर के अलावा अन्य जिलों के मरीज भी भर्ती हैं।

भाषा हर्ष वैभव

वैभव