छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष ने राज्य की कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरा

छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष ने राज्य की कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरा

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  • Publish Date - February 23, 2021 / 01:15 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:17 PM IST

रायपुर, 23 फरवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को विपक्षी दलों ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार को घेरा और आरोप लगाया कि शांति का टापू रहा राज्य अब अपराधियों के लिए स्वर्ग बन गया है।

विधानसभा में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर और शिवरतन शर्मा तथा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के विधायक धर्मजीत सिंह ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर सदन का काम रोककर चर्चा कराने की मांग की।

विधायकों की मांग को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने विपक्षी सदस्यों द्वारा प्रस्तुत स्थगन प्रस्ताव को सदन में पढ़ा।

विपक्ष ने प्रस्तुत स्थगन प्रस्ताव में कहा गया,‘‘ एक बेहतर कानून व्यवस्था जनता के लिए अच्छे समाज और अच्छा माहौल का निर्माण करती है, लेकिन वर्तमान में राज्य की कानून व्यवस्था गर्त में जा चुकी है। राज्य में लोगों को गाजर मूली की तरह काटा जा रहा है। यहां कानून व्यवस्था सिर्फ कागजों और सरकार के बयानों में ही सिमट कर रह गई है।’’

विपक्ष ने आरोप लगया, ‘‘राज्य में प्रतिदिन लूटपाट, ठगी, चोरी, अपहरण, डकैती, वसूली, हत्या, महिला उत्पीड़न और छत्तीसगढ़ पीएससी में फर्जीवाड़ा जैसी घटना घटित हो रही है।’’

स्थगन प्रस्ताव में विपक्ष ने आरोप लगाया कि कभी ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ कहा जाने वाला राज्य आज अपराधियों का गढ बन गया है, राज्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गिरोहों, बदमाशों को फलने-फूलने का अवसर दिया जा रहा है।

विपक्ष ने अपने स्थगन प्रस्ताव में राज्य में बड़ी घटनाओं का भी उल्लेख किया।

स्थगन प्रस्ताव में विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों को नकारते हुए राज्य के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि राज्य में कानून व्यवस्था गर्त में जा चुकी है तथा कानून व्यवस्था की खराब स्थिति के कारण लूटपाट, ठगी, चोरी, अपहरण, डकैती, वसूली, हत्या, महिला उत्पीड़न और हिस्ट्रीशीटरों की दबंगई की घटना हो रही है।

साहू ने कहा कि राज्य की पुलिस बेहद संवेदनशील है जो प्रत्येक घटना पर तत्परतापूर्वक कार्रवाई करती है, जितनी घटनाओं का उल्लेख किया गया है सभी प्रकरणों में पुलिस ने गंभीरता पूर्वक विवेचना की है तथा ज्यादातर मामलों में अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है।

गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस को अभियुक्तों की जल्द गिरफ्तारी कर समय-सीमा में अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है, पुलिस द्वारा 24 घंटे से तीन दिन के भीतर अनेकों मामलों में अभियोग पत्र प्रस्तुत किए जाने के कारण 10 से 50 दिनों के भीतर आरोपियों को आजीवन कारावास तक की सजाएं दिए जाने से जन सामान्य में शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है।

मंत्री के उत्तर के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में स्थगन प्रस्ताव के ग्राह्यता पर चर्चा की अनुमति दे दी।

सदन में हुई चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत भाजपा विधायकों ने कांग्रेस की सरकार पर कानून व्यवस्था को संभालने के मामले में असफल होने का आरोप लगाया।

इस दौरान भाजपा के विधायकों ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपराधियों के लिए स्वर्ग बन गया है।

चर्चा के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया, तब विपक्ष के सदस्यों ने विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक को चर्चा में भाग लेने की अनुमति देने की मांग की। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनका नाम सूची में शामिल नहीं है।

विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अनुमति नहीं देने के बाद विपक्ष के सदस्यों ने आसन के सामने आकर नारेबाजी शुरू कर दी जिसकी वजह से सदन के नियमों के तहत वे निलंबित हो गए।

बाद में विपक्ष के सदस्यों ने परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा के सामने कुछ समय के लिए धरना भी दिया। हालांकि, कुछ समय के अंतराल पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों का निलंबन समाप्त कर दिया।

भाषा संजीव धीरज

धीरज