बस्तर में नक्सलियों के सामूहिक सरेंडर पर पुलिस ने रोक लगा दी है…पुलिस का कहना है कि बदली हुई रणनीति के तहत अब केवल क्वालिटी सरेंडर पर ही फोकस किया जा रहा है…जिनके सरेंडर से नक्सलियों को नुकसान हो…क्वालिटी सरेंडर के पीछे पुलिस का कहना है… कि निचले कैडर के सरेंडर करने पर उन्हे पुनर्वास का कोई लाभ नहीं दिया जाता…पुलिस की माने तो बड़ी संख्या में गांव के लोग नक्सलियों का साथ छोड़कर सरेंडर कर रहे हैं और निचले कैडर का सरेंडर करा रहे हैं…हाल ही में सुकमा और बस्तर पुलिस ने कुछ कैडर का सरेंडर कराया है लेकिन अधिकारियों का टारगेट आंध्र से आए नक्सलियों के बड़े लीडर हैं…इसीलिए ऑपरेशन स्ट्रेटजी में भी बदलाव किए जा रहे हैं, और ऑपरेशन चलाकर इलाकों में दबाव बनाया जा रहा है।